भारत को और अधिक लाभदायक, मजबूत बैंकों की जरूरत

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नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आईएएनएस से कहा कि भारत को दो सरकार संचालित लेंडर्स के निजीकरण और बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक लाभदायक और मजबूत बैंकों की आवश्यकता है। आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में, ठाकुर ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और लाभदायक बनाने की आवश्यता पर जोर देने के बारे में बताया, क्योंकि केंद्र उन्हें हर साल फिर से पूंजी नहीं दे सकता।

बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, बजट 2021-22 का एक प्रमुख केंद्र रहा है, विशेष रूप से एक सामान्य बीमा कंपनी के साथ दो राज्य-संचालित बैंको के निजीकरण के प्रस्ताव पर काफी चर्चा हुई। अब तक, दो बैंकों के निजीकरण के केंद्र के इरादे को निवेशकों और शेयर बाजारों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हालांकि, बैंकिंग यूनियनों ने इस कदम का विरोध किया है। निजीकरण योजना के विरोध के बारे में पूछे जाने पर, ठाकुर ने कहा कि केंद्र ने बैंकों को एनपीए को कम करके और उन्हें प्रोमप्ट करेक्टिव एक्शन(पीसीए)के मानदंडों से बाहर निकाल कर मजबूत किया है।

उन्होंने उल्लेख किया कि बैंकों में लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और विलय की कवायद भी की गई है। ठाकुर के अनुसार, पिछले डिइंवेस्टमेंट के अनुभव से पता चला है कि इससे कर्मचारियों और कंपनी दोनों को लाभ होता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को भविष्य में उच्च वेतनमान के माध्यम से इस कदम से लाभ होगा।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि स्वस्थ डिइंवेस्टमेंट प्रक्रिया का संचालन करने के लिए केंद्र सभी आवश्यक कदम उठाएगा। डिइंवेस्टमेंट प्रक्रिया में कमजोर बैंकों को शामिल करने की अटकलों पर, उन्होंने कहा कि ऑफर देने से पहले खरीदारों के दृष्टिकोण को भी देखा जाना चाहिए।