भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, दो साल के निचले स्तर पर

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नई दिल्लीः देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें हफ्ते गिरावट आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो सितंबर को समाप्त हफ्ते में 7.9 अरब डॉलर घटकर 553.11 अरब डॉलर रह गया है। विदेशी मुद्रा भंडार का यह 9 अक्टूबर, 2020 के बाद का न्यूनतम स्तर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए), विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में कमी है।

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रिजर्व बैंक के सप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 2 सितंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मु्द्रा भंडार 7.9 अरब डॉलर घटकर 553.11 अरब डॉलर रहा है, जबकि 26 अगस्त को समाप्त हफ्ते में यह 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रहा था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 6.53 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 492.12 अरब डॉलर रह गया। इस अवधि में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 1.34 अरब डॉलर घटकर 38.3 अरब डॉलर पर आ गया।

हालांकि, जानकारों का मानना है कि रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने डॉलर की बिक्री की है, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरा है। दरअसल दो सितंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान एक डॉलर के मुकाबले रुपया 80.13 के स्तर पर पहुंच गया था। उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से लेकर अभी तक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 80 अरब डॉलर की गिरावट आई है। हालांकि, अगस्त में आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि 573 अरब डॉलर का मुद्रा भंडार 9.4 महीने के आयात के बराबर है।

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