नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति का निर्णय राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होता है। यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट रही है और हम शांति के पक्षधर हैं। हमने बिगड़ती हुई स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और हिंसा को तत्काल रोकने और हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के वक्तव्य में तत्काल युद्धविराम और वहां फंसे हुए नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का आग्रह किया गया है। संकट की इस घड़ी में भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि वैश्विक नेताओं से हमारी बातचीत में हमने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों से एक बात पर बल दिया है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंच और निकायों में यूक्रेन की स्थिति पर हमारे पक्ष से यही बात परिलक्षित होती है।
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विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन से जुड़ी हमारी नीति के छह बिन्दु हैं। दोनों ओर से हिंसा और शत्रुता खत्म हो। बातचीत के जरिए राजनयिक माध्यम से आपसी मुद्दों का समाधान किया जाए। अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करते हुए समाधान खोजा जाए। संघर्ष में फंसे लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचे। भारत ने भी 90 टन सामग्री वहां पहुंचाई है। हम दोनों देशों के नेताओं के साथ समर्क में बने हुए हैं।
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