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WMCC की 23वीं वार्ता में भारत-चीन ने सीमा पर ‘अप्रिय घटना’ से बचने पर दिया जोर

नई दिल्ली: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बकाया मुद्दों को जल्द सुलझाने पर सहमति व्यक्त करते हुए इस बीच जमीनी स्तर पर स्थायित्व कायम रखने और किसी अप्रिय घटना से बचने का इरादा जताया।

दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच विचार-विमर्श और समन्वय संबंधी वार्ता प्रक्रिया (डब्ल्यूएमसीसी) की 23वीं बैठक गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। इसमें भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्व एशिया) और चीन की ओर से वहां के विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री क्षेत्र संबंधी महानिदेशक ने भाग लिया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार वार्ता के दौरान दोनों पक्ष भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच दुशांबे (तजाकिस्तान) में बनी सहमति के आधार पर पूर्वी लद्दाख में वार्ता प्रक्रिया को जारी रखने तथा बकाया मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने पर जोर दिया गया। यह बातचीत भारत की सीमा के पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति के बारे में खुले मन से हुई।

दोनों पक्षों ने 10 अक्टूबर को हुई कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता के बाद के घटनाक्रम की समीक्षा की। इस वार्ता में दोनों देश इस बात पर सहमत थे कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बकाया मुद्दों को द्विपक्षीय और सहमतियों के आधार जल्द सुलझाया जाना चाहिए। इससे सीमा पर शांति और अमन बनाए रखने में मदद मिलेगी। वह इस बात पर भी सहमत थे कि इस बीच जमीनी स्तर पर स्थायित्व सुनिश्चित करने और किसी अप्रिय घटना से बचने की जरूरत है।

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भारत और चीन ने दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता जल्द आयोजित करने पर रजामंदी जाहिर की ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

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