नई दिल्लीः भारत स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अगले चार साल के दौरान 81 कोयला चालित ताप विद्युत संयंत्रों में उत्पादन घटाने की योजना बना रहा है। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट के मुताबिक केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने इस संबंध में 26 मई को केंद्र तथा राज्यों के ऊर्जा विभागों को पत्र लिखा है।
इस पत्र के अनुसार, मौजूदा नियमों के मुताबिक ताप विद्युत संयंत्रों को कम से कम 55 प्रतिशत की क्षमता पर संचालन करना होता है लेकिन इन संयंत्रों में उत्पादन घटाकर 40 प्रतिशत किया जा सकता है। उत्पादन में कटौती से इन संयंत्रों का उत्पादन 58 अरब किलोवाट प्रतिघंटे घटेगा, जिससे 3.47 करोड़ कोयले की बचत होगी और कार्बन उर्त्सजन में 6.02 करोड़ टन की कमी आयेगी।
उत्पादन में कटौती के कारण ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए करीब 30,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की जरूरत होगी। इससे भारत को 2030 तक 500 गीगावाट गैर जीवाश्म आधारित बिजली के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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एसएंडपी ने सोमवार को बताया था कि 2015 के बाद पहली बार कोल इंडिया केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की खरीद करेगा। एसएंडपी के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने जनवरी और फरवरी में 1.74 करोड़ टन कोयले का आयात किया था। गत साल भारत ने 16.14 करोड़ टन कोयले का आयात किया था, जबकि 2020 में 17.28 करोड़ टन कोयला आयातित हुआ था।
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