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World Cup Final: भारत को रहना होगा सतर्क, गेंदबाजी-बल्लेबाजी ही नहीं इस हुनर में भी मजबूत है ऑस्ट्रेलिया !

ind-vs-aus-World-Cup-Final  World Cup Final: अहमदाबाद: भारत और ऑस्ट्रेलिया (Ind vs Aus) के बीच रविवार 19 नवंबर यानी आज होने वाला आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 का फाइनल मैच अहमदाबाद में खेला जाएगा। यह टूर्नामेंट 5 अक्टूबर को यहां शुरू हुआ था और अब दो बार के विश्व कप विजेता भारत और पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के बीच खिताबी मुकाबले के साथ इसका समापन भी यहीं होगा।

शानदार फॉर्म में हैं दोनों टीमें

टूर्नामेंट का मेजबान भारत शानदार फॉर्म में है। टीम इंडिया ने इस टूर्नामेंट में अब तक अपने सभी मैच जीते हैं, जिसमें 8 अक्टूबर को शुरुआती मैच में ऑस्ट्रेलिया पर छह विकेट से जीत भी शामिल है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने जीत से पहले दो हार के साथ शुरुआत की लेकिन लगातार आठ मैच जीतकर फाइनल में पहुंचा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वनडे मैचों में भारत की जीत का प्रतिशत 58 है। जबकि, ऑस्ट्रेलिया के लिए यह 67 प्रतिशत है। आखिरी बार भारत और ऑस्ट्रेलिया वनडे विश्व कप फाइनल में 2003 के टूर्नामेंट के जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आमने-सामने हुए थे, जहां ऑस्ट्रेलिया ने 125 रनों से जीत हासिल की थी। ये भी पढ़ें..World Cup Final: टीम इंडिया की जीत लिए बाबा महाकाल से प्रार्थना, फोटो रखकर किया गया अनुष्ठान

गेंदबाजी-बल्लेबाजी ही नहीं इस हुनर में भी मजबूत है कंगारू 

पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो वह सिर्फ बल्लेबाजी और गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि अपनी फील्डिंग से भी मैच जीतने की क्षमता रखती है। सीधे थ्रो से रनआउट करना या हवा में उछलकर कैच पकड़ना या फिर स्लाइड लगाकर गेंद को सीमा रेखा पर रोकना। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को इसमें महारत हासिल है। ऐसे में रोहित शर्मा एंड कंपनी को काफी सतर्क रहने की जरूरत होगी। टीम इंडिया के बल्लेबाजों को अपने शॉट चयन और विकेटों के बीच दौड़ पर खास ध्यान देना होगा। क्योंकि एक छोटी सी गलती का परिणाम बहुत बड़ा हो सकता है। भाले ही भारतीय टीम 10 मैच जीतकर फाइनल में पहुंची और लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया लेकिन टीम इंडिया को प्रतिद्वंद्वी के सामने हर विभाग में अपने खेल का स्तर ऊंचा रखना होगा।

मानसिक रूप से मजबूत माने जाते है ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी

कंगारू खिलाड़ी मानसिक रूप से काफी मजबूत माने जाते हैं। हाल ही में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी ये देखने को मिला। ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को किसी भी सत्र में वापसी का मौका नहीं दिया और विश्व टेस्ट चैंपियन बन गया। इस वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ ग्लेन मैक्सवेल की 201 रन की पारी को कौन भूल पाएगा? चोटिल होने के बावजूद उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी (128 गेंद 201 ) खेली।

तेज फील्डरों को बाउंड्री पर रहना होगा मुस्तैद

वहीं, पूर्व कप्तान और दिग्गज ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि भारतीय टीम को अपनी फील्डिंग और कैचिंग पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल, आखिरी के ओवरों बल्लेबाज चौके-छक्के लगाने की कोशिश करते हैं ।वहां पर अपने तेज फील्डरों का होना जरूरी है, क्योंकि जब बाउंड्री रोककर दो रन दिए जाते हैं तो बल्लेबाजी करने वाली टीम काफी निराश हो जाती है। इसलिए विराट कोहली, रवींद्र जड़ेजा, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, कुलदीप कुमार यादव जैसे बेहतरीन फील्डरों को बाउंड्री पर मुस्तैद रहना होगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)