नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 2018-19 के आयकर आकलन को आयकर के केंद्रीय दायरे में स्थानांतरित करने के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस संजीव खन्ना ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त में करने का आदेश दिया।
आयकर विभाग के नियम के मुताबिक फैसला
याचिका में 2018-19 के आयकर मूल्यांकन को आयकर के केंद्रीय दायरे में स्थानांतरित करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। यह आकलन हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। संजय भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा का करीबी बताया जाता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाई कोर्ट ने कहा था कि आयकर विभाग ने नियमों के मुताबिक फैसला लिया है। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने इस आधार पर अपने मामलों को सेंट्रल सर्कल में स्थानांतरित करने का विरोध किया है कि उनका संजय भंडारी समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।
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प्रियंका ने कहा- इसके पीछे राजनीति
गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा के करीबी संजय भंडारी के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला वाड्रा द्वारा करीब 19 लाख ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति खरीदने से जुड़ा है। ईडी के मुताबिक, लंदन की यह संपत्ति 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर पर स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी ने 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में खरीदा था और 2010 में इसे केवल 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में बेच दिया, जबकि भंडारी ने इसके नवीनीकरण पर 65,900 ब्रिटिश पाउंड खर्च किए हैं। इसका मतलब साफ है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था बल्कि रेनोवेशन का खर्चा वाड्रा ने उठाया था। इस मामले में वाड्रा ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया था कि इस केस के पीछे राजनीतिक कारण है।
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