Featured राजनीति

शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में पंजाब के स्कूल निकले आगे तो भड़के सिसोदिया

नई दिल्लीः 'हाल में केंद्र सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें केंद्र सरकार ने पंजाब के सरकारी स्कूलों को देश का सबसे बेहतर स्कूल बताया है। जबकि दिल्ली सरकार के स्कूलों को खराब श्रेणी में रखा गया है।' शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही।

उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने इस रिपोर्ट के बहाने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला है। रिपोर्ट को राजनीतिक रंग देते हुए उन्होंने पंजाब चुनाव का मुद्दा भी इसमें जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि ' मोदी जी की रिपोर्ट कह रही है कि पंजाब के सरकारी स्कूल सर्वश्रेष्ठ हैं और दिल्ली के सरकारी स्कूल बेकार हैं। मोदी जी की यह रिपोर्ट पंजाब चुनावों के लिए मोदी-कैप्टन की दोस्ती दिखाती है।पिछले चुनावों में भी कैप्टन को मोदीजी का आशीर्वाद मिला था। इस बार भी आशीर्वाद मिल रहा है।'

सिसोदिया के आरोपों से साफ है कि उनका गुस्सा दिल्ली के स्कूलों को बेकार बताए जाने पर कम और पंजाब सरकार के स्कूलों को अच्छा बताए जाने पर ज्यादा है। यही वजह है कि उन्होंने इस विषय पर विशेष आपत्ति जाहिर की है।

सिसोदिया ने कहा कि कैप्टन की शिक्षा में नाकामी छिपाने के लिए मोदीजी ने जो रिपोर्ट जारी की है कि पंजाब के सरकारी स्कूल नम्बर वन हैं। कुछ दिन बाद मोदी जी रिपोर्ट जारी करेंगे, कैप्टन के सरकारी अस्पताल बहुत बढ़िया हैं। जबकी सच्चाई इससे उलट है। पंजाब के सरकारी स्कूलों की सच्चाई उन अभिभावकों से पूछें जो मजबूर हैं, अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए।

अभी हाल में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल एजुकेशन रैंकिंग रिपोर्ट जारी की है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई ) के लेटेस्ट एडिशन में चंडीगढ़, पंजाब, तमिलनाडु और केरल राज्य शीर्ष पर हैं। पीजीआई में, राज्यों को एक्सेस, इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्विटी और लर्निंग के परिणामों सहित 70 मापदंडों में कुल 1,000 अंकों पर स्कोर किया गया है।

यह भी पढ़ेंः-तीन साल बाद काम पर लौटने की तैयारी में शाहरूख खान, शेयर की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर

उल्लेखनीय है कि अगले साल यानी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां आम आदमी पार्टी फिर से अपनी दावेदारी ठोक रही है। लेकिन पार्टी का पूरे पंजाब में कभी भी कोई मजबूत आधार नहीं रहा। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी राज्‍य में सत्‍ता हासिल करने के दावे कर रही थी, लेकिन 20 सीटों पर ही सिमट गई। इस बार पार्टी को मजबूत आधार देने वाले कई नेता उसका साथ छोड़ चुके हैं। बावजूद इसके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पंजाब को लेकर बेहद सक्रिय है। यही वजह है कि पार्टी पंजाब से जुड़ा कोई भी मुद्दा हाथ से जाने देना नहीं चाहती।