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सियासी गलियारे में इस बार किसी की होली होगी रंगीन तो किसी के उड़ जाएंगे रंग

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारें में इस बार की होली में कहीं गुझियों में मिठास होगी तो कहीं की फीकी होंगी। होली तो वैसे रंगीन ही होती है लेकिन इस बार राजनीतिज्ञों का रंग उड़ा भी हो सकता है। वजह है 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम और वहीं होली भी एक सप्ताह बाद 17 मार्च को है। प्रदेश में यूपी विधानसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गए हैं। सोमवार को चुनाव का अंतिम चरण भी पूरा हो गया। अब तो चुनाव परिणाम ही बचता है। ऐसे में सबकी निगाहें 10 मार्च को आने चुनाव परिणामों पर होगी।

सत्तापक्ष हो चाहे विपक्ष, दावे तो जरूर सब अपनी जीत का ही कर रहे हैं लेकिन यह भी हकीकत है कि सिकंदर तो कोई एक ही बनेगा। क्या कमल का फूल एक बार फिर यूपी में खिलेगा या साइकिल में ग्रीस लग जाएगी या फिर हाथी खड़ा जाएगा? सबके दावे 10 मार्च को सामने आ जाएंगे। यूपी के चुनावी अखाड़े में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सभी ने ताल ठोंकी, सभी ने खूब जोर-आजमाइश की, लेकिन अब तय तो जनता करेगी कि कौन सर्वश्रेष्ठ हैं। इन सबका असर इस बार की होली पर जरूर पड़ेगा।

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अभी तक होली का वास्ता हाई स्कूल और इंटर बोर्ड परिक्षाओं के साथ ही पड़ता था, जिसकी परीक्षा अच्छी हो गई, वे विद्यार्थी तो खूब होली खेलते थे और जिसका पेपर खराब हो गया, उसकी होली का तो रंग ही उड़ा होता था, लेकिन इस बार यूपी चुनाव और होली का भी वास्ता पड़ गया और परीक्षार्थी बने राजनेता। जिसका परिणाम अच्छा, उसकी तो बल्ले-बल्ले और जिसका परिणाम खराब, उसकी तो गुझिया भी बेस्वाद ही होगी।

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