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खरमास में लग जाते हैं सभी शुभ कार्यो पर विराम, जानें इसकी पौराणिक कथा

नई दिल्लीः हिंदू धर्म में खरमास में बेहद खास महत्व होता है। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे जमीन खरीदना, गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह, भूमि पूजन आदि नहीं किये जाते हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व ही चातुर्मास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्यो की शुरूआत हुई है। लेकिन खरमास लगने के बाद सभी शुभ कार्यो पर कुछ दिनों के लिए विराम लग जाएगा। खरमास के दौरान सूर्य देव, भगवान विष्णु और अपने इष्ट देव की उपासना करनी चाहिए। इस माह में आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना बेहद शुभ फलकारी होता है।

कब लग रहा है खरमास
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल खरमास की शुरूआत 14 दिसंबर से हो रही है और यह 14 जनवरी तक रहेगा। इसके चलते शुभ कार्यो की शुरूआत 14 जनवरी के बाद फिर से शुरू होंगे। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमा लग जाता है। धनु राशि के गुरू बृहस्पति की राशि है जब सूर्य इस राशि में होता है तो खरमास लगता है।

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खरमास की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब भगवान सूर्यदेव के घोड़े ब्रह्माण्ड की परिक्रमा करते-करते थक जाते हैं तब उन्हें आराम देने के लिए भगवान सूर्य उनकी जगह खर अर्थात् गधों को रथ से बांध लेते हैं। जिसके चलते उनकी चाल बेहद धीमी होती है। इसी कारण इस माह को खरमास कहते हैं।

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