नई दिल्ली: हनुमान जी की साधना को कलयुग में अत्यंत फलदायी माना जाता है। एक हनुमान जी अष्ट चिरंजीवी (अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम) में से वो देवता हैं जो प्रत्येक युग में मौजूद रहते हैं। कहा जाता हैं कि जिस घर में बजरंगी के आराध्य श्री राम कथा का गुणगान होता है, वहां पर हनुमान जी जरूर मौजूद रहते हैं।
मान्यता है कि मंगलवार का व्रत बल, साहस, सम्मान और पुरुषार्थ बढ़ाने वाला होता है। इस व्रत को करने से हनुमानजी की प्रसन्न होकर जीवन के सभी संकटों को दूर करते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से हम सभी प्रकार की बुरी शक्तियों और नेगेटिव एनर्जी से दूर रहते हैं।
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मंगलवार क्यों होता है हनुमान जी का दिन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार और स्कंदपुराण में बताए गए प्रसंग के अनुसार मंगलवार को बजरंगबली का जन्म हुआ था। इस वजह से ही उनकी पूजा के लिए यह दिन समर्पित होता है और उनका व्रत करने से जीवन से सभी प्रकार के कष्ट और संकट दूर होते हैं। इसी वजह से हनुमानजी को संकटमोचक भी कहा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमानजी से होता है तो इस वजह से भी मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने और सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।
व्रत में करें इन नियमों का पालन
मंगलवार के व्रत में सबसे ज्यादा ध्यान पवित्रता का रखा जाता है।
पूजा के वक्त शांत मन से प्रभु का ध्यान करें।
मंगलवार के व्रत में नमक का सेवन न करें।
अगर किसी मीठी वस्तु का दान करते हैं तो उसे स्वयं ग्रहण न करें।
मंगलवार के व्रत में भूलकर काले या सफेद वस्त्र पहनकर हनुमानजी की पूजा न करें।
इस दिन लाल कपड़े पहनना सबसे अच्छा होता है।
व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिन भर में केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
व्रत का आरंभ कब से करें
मंगलवार का व्रत आरंभ किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना सबसे अच्छा माना जाता है। अगर मन में कोई मनोकामना लेकर आप यह व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। 21 या 45 मंगल व्रत करने के बाद आपको उद्यापन करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ ही दान पुण्य भी करना चाहिए।
क्या महिलाएं कर सकती हैं यह व्रत
हनुमानजी की पूजा को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में संदेह बना रहता है। पुराणों में बताया गया है कि महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा कर सकती हैं और व्रत रख सकती हैं। किसी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि महिलाओं को हनुमानजी की पूजा नहीं करना चाहिए। बस महिलाओं द्वारा हनुमानजी को लाल वस्त्र या फिर चोला नहीं चढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि वह आजीवन ब्रह्मचारी थे। महिलाओं को मासिक धर्म के बीच में मंगलवार पड़े तो व्रत नहीं करना चाहिए।