नई दिल्लीः तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। हर पूजा में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी होती है। तुलसी भगवान विष्णु की बहुत प्रिय है। इसके अलावा तुलसी का उपयोग भगवान हनुमानजी की पूजा में भी होता है। हिंदू धर्म में तुलसी और गंगाजल को बासी नहीं माना गया है। कहा जाता है कि जहां तुलसी की विधि-विधान से पूजा होती है वहां हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
तुलसी का वैज्ञानिक महत्व
तुलसी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं। इसका इस्तेमाल करने से बीमारियां दूर रहती हैं। तुलसी का पौधा लगाने से आसपास की हवा भी शुद्ध रहती है और श्वास संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं।
तुलसी की पत्तियों को तोड़ने से पहले जान लें ये नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को उत्तर और पूर्व दिशा में लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके पौधे को दक्षिण दिशा और रसोई के पास बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा बढ़ती है।
तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं। लेकिन भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश को तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए।
मान्यता है कि तुलसी के पौधे और पत्तियों को बिना स्नान के न छूना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए।
अगर तुलसी सूख जाए तो उसे फेंकने के बजाय पवित्र नदी प्रवाहित करें या मिट्टी में दबा देना चाहिए। रविवार के दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ना अच्छा नहीं होता है, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु का प्रिय दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ना अशुभ माना जाता है।
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तुलसी की पत्ती को एकादशी, संक्रान्ति, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और शाम के समय में नहीं तोड़ना चाहिए। तुलसी की पत्तियों को कभी भी नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से दोष लगता है। इसे तोड़ने के लिए आप नाखूनों की जगह उंगलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।