नई दिल्लीः चक्रवात ‘असानी’ को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की भविष्यवाणी सटीक साबित नहीं हुई। पिछले सप्ताह जिस दिन से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास एक कम दबाव का क्षेत्र बना था, उसी दिन से भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) उत्तर-पश्चिम की ओर तीव्रता को लेकर भविष्यवाणी कर रहा था, जिसमें आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट की संभावित स्कर्टिग और फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर इसका फिर से मुड़ना शामिल है।
बुधवार की सुबह भी, जब चक्रवात वाष्पीय शक्ति खो रहा था तब आईएमडी ने भविष्यवाणी की थी कि यह डीप डिप्रेशन (भारी वर्षा लाने वाली प्रणाली) के साथ कमजोर हो जाएगा। तब इसने कहा था, “इसके अगले कुछ घंटों के लिए लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और बुधवार को दोपहर से शाम के दौरान नरसापुर, यनम, काकीनाडा, तुनी और विशाखापत्तनम तटों के साथ उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर धीरे-धीरे रि-कर्व होने की संभावना है। यह आज रात तक उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ जाएगा। गुरुवार की सुबह तक इसके धीरे-धीरे कमजोर होकर डिप्रेशन में बदलने की संभावना है।”
यह पूछे जाने पर कि तीव्रता की भविष्यवाणी और ट्रैक का पूर्वानुमान गलत क्यों हुआ, क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (आरएसएमसी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद कुमार दास ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि पूवार्नुमान वास्तविकता में सही नहीं निकला। उन्होंने कहा कि इसके चार महत्वपूर्ण कारण थे। दास ने कहा, “सबसे पहले, सिस्टम तट के करीब आया और जमीन से संपर्क किया। दूसरा, एक बार जब यह तट के करीब था, तो इसे कम समुद्री सतह के तापमान (एसएसटी) और ओशन हीट कंटेंट (ओसीएच) का सामना करना पड़ा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या पहले के पूवार्नुमान के समय कम एसएसटी की उम्मीद नहीं थी, दास ने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि सिस्टम तट के इतने करीब आ जाएगा।”
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जैसे ही यह तट के करीब आया, जमीन से शुष्क हवा का प्रवेश हुआ और अंत में सिस्टम को फिर से मोड़ने के लिए कोई स्टीयरिंग नहीं था, क्योंकि कमजोर पड़ने के कारण कोई सिस्टम कॉलम नहीं था, जिसका अर्थ है कि सिस्टम की ऊध्र्वाधर लंबाई (वर्टिकल लेंथ) बहुत कम थी।
इस बीच, बुधवार की रात मछलीपट्टनम और नरसापुर के बीच आंध्र प्रदेश के तट को पार करने के बाद यह चक्रवात एक डिप्रेशन के रूप में कमजोर हो गया और गुरुवार की सुबह तक, एक अच्छी तरह से चिह्न्ति निम्न दबाव क्षेत्र में सुबह 8:30 बजे कमजोर हो गया। यह मछलीपट्टनम के पश्चिम में स्थित है और दिन में इसके कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाने की संभावना है।
इससे पहले मार्च में, एक कम दबाव का क्षेत्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास से उत्पन्न हुआ था और एक चक्रवात के रूप में बांग्लादेश और भारत के पूर्वोत्तर की ओर बढ़ गया था। हालांकि, यह एक चक्रवात के रूप में मजबूत नहीं हो पाया था, क्योंकि इसकी तीव्रता कम हो गई थी।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…