नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए कौशल-आधारित स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए इग्नू ने तीनों सेनाओं के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
योजना के तहत पांच कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। इनमें बीएएएस- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स), बीएएएसटीएम- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) टूरिज्म मैनेजमेंट, बीएएएसएमएसएमई- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) एमएसएमई, बीसीओएमएएस- बैचलर ऑफ कॉमर्स (एप्लाइड स्किल्स) और बीएससीएएस- बैचलर ऑफ साइंस शामिल हैं।
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ये कार्यक्रम अनुशासन-आधारित पाठ्यक्रमों और कौशल पाठ्यक्रमों का एक अनूठा मिश्रण हैं। कार्यक्रम में 120 क्रेडिट शामिल हैं, जिनमें से 60 क्रेडिट के पाठ्यक्रम इग्नू द्वारा पेश किए जाते हैं, जबकि शेष 60 क्रेडिट सशस्त्र बलों द्वारा सेवाकालीन कौशल शिक्षा के रूप में पेश किए जाते हैं। सशस्त्र बलों द्वारा पेश किए जाने वाले कौशल पाठ्यक्रमों को कौशल शिक्षा के लिए नियामक संस्था, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) द्वारा अनुमोदित किया जाता है। ये कार्यक्रम कौशल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा के एकीकरण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप भी हैं।
इस पहल से अग्निशामकों को सेवा के दौरान स्नातक की डिग्री हासिल करने और सेवा के बाद उनकी रोजगार क्षमता में सुधार करने में मदद मिलेगी। मंगलवार को इग्नू परिसर में आयोजित एक समारोह में भारतीय वायु सेना के अग्निवीरों को शामिल करने के कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसका शुभारंभ इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव और एयर मार्शल एसके झा ने किया। इस दौरान अग्निवीरों के लिए डिज़ाइन किया गया एक विशेष प्रवेश पोर्टल भी लॉन्च किया गया। इस दौरान प्रो-वाइस-चांसलर, स्कूलों और डिवीजनों के निदेशक, सभी क्षेत्रीय केंद्रों के क्षेत्रीय निदेशक और भारतीय बलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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