नई दिल्लीः देश में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। देश के अलग-अलग जगहों पर यह त्यौहार कई तरीकों से मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन भगवान आदित्य की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन पवित्र नदी या घर में सुबह के समय सर्वप्रथम स्नान कर दान देने की परंपरा रही है।
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कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन स्नानादि के बाद खिचड़ी, गुड़, तिल और वस्त्र का दान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। दान करते समय इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि जो कुछ भी दान दिया जाए वह शुद्ध मन से दिया जाए। तभी दान का शुभ फल मिलता है। इस दिन स्नान के बाद विधि-विधान से भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए और उन्हें जल चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय सूर्यदेव के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
ऊं घृणि सूर्यआदित्याय नमः
इसी तरह सूर्यदेव की पूजा करते समय इन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
ऊं सूर्याय नमः
ऊं आदित्याय नमः
ऊं सप्तार्चिषे नमः
ऊं सवित्रे नमः
ऊं मार्तण्डाय नमः
ऊं विष्णवे नमः
ऊं भास्कराय नमः
ऊं भानवे नमः
ऊं मरिचये नमः