Saturday, January 11, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशबना ट्रांसफार्मर, बिजली पोल नक्शा पास तो होगी कार्रवाई

बना ट्रांसफार्मर, बिजली पोल नक्शा पास तो होगी कार्रवाई

Lesa Lucknow: राजधानी की अनियोजित कॉलोनी में बिना ट्रांसफार्मर व बिजली पोल के नक्शा नहीं पास होगा। अगर किसी कॉलोनी के बिल्डर अथवा भवन स्वामी का नक्शा पास होगा, तो सम्बंधित इंजीनियर पर कार्रवाई होगी। ऐसी कॉलोनियों में नक्शा पास कराने के पहले बिजली का पूरा नेटवर्क विकसित करना होगा। उसके बाद ही नक्शा पास होगा।

विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने इस सम्बंध में आवास विकास, नगर विकास, एलडीए व लेसा को निर्देशित किया है। दरअसल, राजधानी के आउटर इलाकों में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। इन अनियोजित कॉलोनियों में ट्रांसफार्मर और बिजली के पोल पर तार नहीं लगे होते हैं। सिर्फ खंभे गाड़कर लोगों को जल्द बिजली आने की बात कहते हुए प्लॉट बेंच दिए जाते हैं। ऐसे में प्लॉट खरीदारों को बिजली का कनेक्शन नहीं मिलता है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

लेसा अफसरों की मानें तो प्लॉट खरीदारों को यह पता नहीं चल पाता है कि कॉलोनी में विद्युतीकरण नहीं हुआ है, वहीं ऐसी कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने के लिए पावर कॉर्पोरेशन ने नियम बना रखा है। इसके तहत बिजली तंत्र बनाने के लिए 35 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एस्टीमेट बनाया जाता है। अधिक दूरी होने पर एस्टीमेट की राशि भारी-भरकम बनती है। ऐसे में कई लोग पैसा नहीं जमा कर पाते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने निर्देशित किया है कि जब तक विद्युत तंत्र विकसित न हो, तब तक कोई भी नक्शा पास न किया जाए। इस बाबत लेसा की ओर आवास विकास व अन्य सम्बंधित विभागों को पत्र भी लिखा गया है।

सोलर पैनल लगवाने वालों का फंसा अनुदान

केंद्र सरकार की ओर से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सूर्योदय योजना शुरू की गई है। योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने वालों को सब्सिडी भी मिलती है, वहीं सोलर पैनल लगवाने वाले कई उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिल पा रही है। इससे वे परेशान हैं। सोलर पैनल लगवाने वाले ऐसे 2,800 से अधिक उपभोक्ता हैं, इनमें से किसी का 45 हजार तो किसी का डेढ लाख रुपए अनुदान फंसा हुआ है। पीड़ित उपभोक्ता मध्यांचल से लेकर यूपी नेडा तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। मध्यांचल डिस्कॉम के अफसरों की मानें तो तकनीकी दिक्कतों के चलते सब्सिडी नहीं मिल पा रही है। अनुदान मिलने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए सब्सिडी भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

(रिपोर्ट-पंकज पाण्डेय, लखनऊ)

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