बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, शीत लहर से बचने के लिए करें ये उपाय

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भोपालः मध्य प्रदेश में इन दिनों जबरदस्त ठंड पड़ रही है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं (cold wave) ने प्रदेश में ठंड बढ़ा दी है। राज्य के 15 से ज्यादा शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है। दतिया की रात सबसे ठंडी रही। यहां न्यूनतम पारा 6.00 डिग्री दर्ज किया गया।

पचमढ़ी में तापमान 7.2 डिग्री रहा। सबसे अधिक न्यूनतम तापमान टीकमगढ़ में 13.5 डिग्री रहा। कड़ाके की सर्दी के बीच भोपाल जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे शीतलहर के संबंध में पर्याप्त सावधानी बरतें।

डॉ. तिवारी ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा है कि सर्दी के मौसम में जब वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है तो शीत लहर शुरू हो जाती है। जिससे मानव स्वास्थ्य पर सर्दी, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़ों में संक्रमण, हाइपोथर्मिया, अस्थमा, एलर्जी जैसे कई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। शीत लहर से बचाव के लिए गर्म कपड़े और ऐसे कपड़े जिनमें कपड़ों की कई परतें हों, शीत लहर से बचाने के लिए अत्यधिक प्रभावी होते हैं।

रजाई, कंबल, स्वेटर, गर्म कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए तथा मफलर व कवर वाले वाटरप्रूफ जूते का प्रयोग करना चाहिए। इस संबंध में सिविल सर्जन एवं सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को मैदानी स्तर पर आशा, आशा पर्यवेक्षक, एएनएम, एमपीडब्ल्यू को जन जागरूकता हेतु निर्देशित करने हेतु निर्देशित किया गया है।

शीत घात से बचाव के लिए उपाय

यदि शीत लहर की संभावना हो तो स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टेलीविजन/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशनों को ध्यान में रखना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि आने वाले दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। फ्लू बुखार, बहती नाक/बंद नाक या बंद नाक जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने के कारण होती है। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर रहें।

आपातकालीन स्थिति में, भोजन, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर, आपातकालीन रोशनी और संबंधित दवाएं जैसी आवश्यक वस्तुएं तैयार रखी जानी चाहिए। ठंडी हवा को घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दरवाजे और खिड़कियां ठीक से बंद रखनी चाहिए। सर्दी के मौसम में मौसम में बदलाव के कारण वातावरण का तापमान कम हो जाता है, जिससे सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया आदि विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होने की संभावना रहती है। आम जनता को पर्याप्त गर्म कपड़े रखने के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। जिन कपड़ों में कपड़ों की कई परतें होती हैं, वे ठंड से बचाने में अधिक प्रभावी होते हैं।

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बिस्तर, रजाई, कम्बल, स्वेटर तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था पहले से कर लेनी चाहिए। जहां तक संभव हो बुजुर्गों, शिशुओं और महिलाओं के लिए कुछ अतिरिक्त गर्म कपड़े भी संग्रहित करके रखने चाहिए। यदि ठंड से संबंधित बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या डॉक्टर से परामर्श लें।

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