दिवालिया मामलों को लेकर आईबीबीआई ने उठाया बड़ा कदम, की ये घोषणा

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नई दिल्ली: दिवालिया मामलों को लेकर आईबीबीआई ने उठाया बड़ा कदम, की ये घोषणा भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन शुल्क की स्थापना की है, जो कुल 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। यह बड़े पैमाने पर देरी को कम करने और निर्णायक प्राधिकरण को समाधान योजना समय पर प्रस्तुत करने के लिए किया जा रहा है। प्रोत्साहन राशि के एक प्रतिशत की दर से मूल्य अधिकतमकरण के लिए भी हैं, जिसके द्वारा वसूली योग्य मूल्य परिसमापन मूल्य से अधिक है।

संशोधन विनियम के तहत शुल्क का भुगतान कॉपोर्रेट देनदार के पास उपलब्ध निधि से किया जा सकता है, आवेदक या समिति के सदस्यों द्वारा योगदान दिया गया है और/या अंतरिम वित्त के माध्यम से उठाया गया है और इसे दिवाला समाधान प्रक्रिया लागत में शामिल किया जाएगा। एक दिवाला पेशेवर को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये प्रति माह की सीमा में न्यूनतम निश्चित शुल्क का भुगतान किया जाएगा।

ऐसे मामलों में जहां समाधान योजना दिवाला शुरू होने की तारीख से दी गई समयावधि के भीतर न्यायनिर्णायक प्राधिकारी को प्रस्तुत की जाती है, प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन शुल्क का भुगतान समाधान पेशेवर को किया जा सकता है। अधिसूचना के अनुसार, यदि दिवालियापन समाधान 165 दिनों से कम समय में होता है, तो समाधान पेशेवर उस राशि का 1 प्रतिशत पाने का हकदार होता है, जिसके द्वारा रिकवरी योग्य मूल्य परिसमापन मूल्य से अधिक होता है।

यदि इसमें 165 दिनों से 270 दिनों के बीच का समय लगता है, तो प्रदर्शन से जुड़ा वेतन 0.75 प्रतिशत होगा और यदि यह 270 दिनों से 330 दिनों के बीच होता है, तो यह 0.5 प्रतिशत होगा। यदि दिवाला समाधान में 330 दिनों से अधिक की देरी होती है, तो कोई प्रोत्साहन नहीं है।

मूल्य अधिकतमकरण के लिए प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन शुल्क का भुगतान समाधान पेशेवर को उस राशि के एक प्रतिशत की दर से किया जा सकता है, जिसके द्वारा रिकवरी योग्य मूल्य परिसमापन मूल्य से अधिक है। उदाहरण के लिए, 20 करोड़ रुपये के परिसमापन मूल्य वाले एक कॉर्पोरेट देनदार का समाधान किया गया था और लेनदारों के लिए रिकवरी योग्य मूल्य 100 करोड़ रुपये था। समाधान योजना दिवाला प्रारम्भ होने की तारीख से 170वें दिन निर्णायक प्राधिकारी को प्रस्तुत की गई थी। समिति ने खंड 3 और 4 के तहत प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन शुल्क का भुगतान करने का निर्णय लिया है।

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