’मुझे हिंदी सीखने पर बहुत गर्व है’, सायरा बानो ने पोस्ट शेयर कर यादें की ताजा

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मुंबईः भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक सायरा बानो ने हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा के साथ अपने पहले अनुभव के बारे में बात की। 14 सितम्बर को ’हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन एक ऐसे अवसर के रूप में आता है जो हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करता है। इंस्टाग्राम पर अपने डेब्यू के बाद से सायरा बानो को दिवंगत अभिनेता और अपने पति दिलीप कुमार की खूबसूरत यादें साझा करते देखा गया है। सायरा ने गुरुवार को इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक लंबा नोट लिखा कि उन्हें हिंदी सीखने पर कितना गर्व है।

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’पड़ोसन’ फेम एक्ट्रेस ने हिंदी में लिखा कि सालों पहले, जब मैं एक मशहूर एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर भारत आई थी, तब मैं यहां की भाषाओं में इतनी पारंगत नहीं थी। अभिनेत्री ने कहा कि हिंदी सिनेमा में अभिनय करने के लिए, मेरे लिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से बोलना और समझना बहुत महत्वपूर्ण था, खासकर 60 के दशक में जब दो अभिनेताओं के बीच संवाद बहुत लंबे होते थे और काव्यात्मक शब्दों के साथ मिश्रित होते थे।

उन्होंने कहा, ’’मेरे यहां आने के बाद मेरी मां ’परी चेहरा नसीम बानो’ ने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली कि मैं इस अनमोल भाषा को सीख सकूं और मैंने इसे भी उतने ही समर्पण के साथ सीखा और मुझे इस पर बहुत गर्व है।“ सायरा अभिनेत्री नसीम बानो और निर्माता मियां एहसान-उल-हक की बेटी हैं। नसीम बानो को “ब्यूटी क्वीन“ और भारतीय सिनेमा की “पहली महिला सुपरस्टार“ के रूप में जाना जाता था।

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उन्होंने अपना अभिनय करियर 1930 के दशक के मध्य में शुरू किया और 1950 के दशक के मध्य तक अभिनय जारी रखा। 16 साल की उम्र में सायरा ने हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया और 1961 में शम्मी कपूर के साथ फिल्म ’जंगली’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। 1960 के दशक में ’झुक गया आसमान’, ’आई मिलन की बेला’, ’अप्रैल फूल’, ’आओ प्यार करें’, ’शागिर्द’ और ’प्यार मोहब्बत’ समेत कई अन्य सफल फिल्मों से उन्होंने खुद को स्थापित किया।

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