उत्तर प्रदेश हेल्थ

Hypothermia: ठंड में नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया का खतरा, रहें सतर्क

Hypothermia, लखनऊः नवजात बच्चों के शरीर में फैट कम होता है और त्वचा भी पतली होती है, जिससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में परेशानी होती है। आजकल राजधानी लखनऊ का तापमान सामान्य से बहुत कम है और रात में तापमान तो दो से तीन डिग्री तक हो जाता है। इस ठंड में हमें नवजात की विशेष सुरक्षा करनी चाहिए, क्योंकि उन पर हाइपोथर्मिया होने का खतरा बना रहता है। इसे बोलचाल की भाषा में ठंडा बुखार भी कहा जाता है।

KGMU की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका से खास बातचीत-

इसको लेकर इंडिया पब्लिक खबर के संवाददाता पवन सिंह चैहान ने केजीएमयू की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका से विशेष बातचीत की। हाइपोथर्मिया उन्हें अपनी चपेट में ज्यादा लेता है, जिनका जन्म के समय वजन 2.5 किग्रा से कम है या जिन नवजात का किसी वजह से नौ माह पूरे होने से पहले जन्म हुआ है। ठंड के मौसम में इस तरह के मामले अस्पतालों में लगातार सामने आ रहे हैं। डॉ. सारिका बताती हैं कि इस ठंड भरे मौसम में नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए उन्हें गर्म रखने के कारगर उपाय करने चाहिए। नवजात के जन्म के समय और अपने जीवन के पहले दिन शरीर का तापमान बनाए रखना बहुत कठिन होता है। जन्म के समय उनके शरीर का तापमान तेजी से कम होता है। यदि उन्हें ठंड लग जाए, तो वह अपनी ऊर्जा का प्रयोग गर्म रखने के लिए करते हैं और बीमार हो जाते हैं। डॉ. सारिका का कहना है कि ऐसे शिशु जिनका वजन जन्म के समय कम होता है और 09 महीने के पहले जन्म होता है, उन शिशुओं में ठंड लगने का खतरा अधिक होता है।

Hypothermia से इस तरह नवजात को बचाएं

थोड़ा सचेत रहकर बच्चे को हाइपोथर्मिया से बचाया जा सकता है। बताया कि जिस जगह बच्चे को रहना है, उस कमरे के तापमान को नियंत्रित रखना चाहिए। जब तक बहुत जरूरी न हो नवजात को कमरे से बाहर ठंड भरे मौसम में न ले जाएं। नवजात को मां अपने से चिपका कर रखे, जिससे उसके शरीर की गर्मी बच्चे को मिलती रहे और वह बाहरी ठंड में अपने जीवन का सबसे नाजुक समय गुजार सके। जिस कमरे में नवजात को रखें, उसका तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस तक रखना चाहिए। नवजात को जन्म के दो से तीन दिन तक नहलाने की जरूरत नहीं होती है, इसे समयावधि को मौसम को देखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए इसलिए नवजात को नहलाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। नवजात को सामान्य दिनों में भी ढक कर ही रखना चाहिए क्योंकि जो मौसम आपके लिए सामान्य हो सकता है, वह उस नन्हीं जान के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। नवजात को दो से तीन लेयर ज्यादा कपड़े पहनाए जाने चाहिए। इसके साथ ही छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराएं।

Hypothermia: हाइपोथर्मिया के लक्षण

  •  नवजात का शरीर ठंडा पड़ना
  • नवजात का बहुत ज्यादा सुस्त दिखाई देना
  • त्वचा के रंग में बदलाव यानी त्वचा का नीला पड़ना
  • समय पर स्तनपान न कर रहा हो
  • ऑक्सीजन स्तर का कम होना
  • अनियमित धड़कन होना

ठंड लगने पर शिशु को दोबारा इस तरह दें गर्माहट

  •  कमरे का तापमान बढ़ाना चाहिए।
  • नवजात को मां के पेट से सटाकर लिटाएं और कम्बल से ढंक दें। ऐसा तब तक करें, जब तक शिशु का तापमान सामान्य न हो जाए।
  • नवजात को पूरे गर्म कपड़े और टोपी पहनाएं, उसे मां से लिपटकर ही लिटाएं।
  • नवजात के शरीर को तापमान को सामान्य रखने के लिए स्तनपान कराएं।
(रिपोर्ट- पवन सिंह चैहान, लखनऊ) (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)