नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार जलीय कृषि (हाइड्रोपोनिक) को बढ़ावा दे रही है। इस तरह की खेती को बढ़ावा देने के लिए लिए भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर), बेंगलुरु और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) काम कर रहे हैं।
तोमर ने मंगलवार को राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि आईआईएचआर, बैंगलुरु ने सबसे अधिक खपत वाली सब्जियों की खुले में और पॉलीहाउस में मृदा रहित खेती के लिए सब्सट्रेट और पोषक तत्वों के निर्माण सहित उत्पादन तकनीक विकसित की है और इसके परिणामों से पता चला है कि मृदा रहित पद्धति (कल्चर) (कोकोपोनिक्स) में उगाए गए पौधों ने मृदा में उगाए गए पौधों की तुलना बेहतर गुणवत्ता दर्ज की है।
तोमर ने कहा कि आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ में अनियमित बिजली आपूर्ति वाले क्षेत्रों में सब्जियों, जड़ी-बूटियों और नरम फलों को उगाने के लिए उपयुक्त ‘सॉलिड हाइड्रोपोनिक्स तकनीक विकसित की है। जिसके तहत दो मॉडल नामतः ‘सीआईएसएच- डबल रो वर्टिकल हाइड्रोपोनिक्स डिजाइन और सीआईएसएच निकोणीय एनएफटी का व्यावसायीकरण किया गया है और लोकप्रिय बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि जलीय खेती कृषि की ऐसी विधा है जिसमें खेती पूरी तरह से जल में होती हैं। खेती की इस आधुनिक तकनीक में मुख्य निर्भरता मिट्टी पर न होकर पानी पर रहती है। हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है।
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