शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा (police constable recruitment exam) रविवार को प्रदेश भर में बनाए गए 81 परीक्षा केंद्रों पर सम्पन्न हुई। विवादों से घिरी इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए सभी परीक्षार्थियों की अच्छे तरीके से जांच की गई। इसके बाद ही उन्हें केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी गई। कई जगह अभ्यर्थियों के जूते और जैकेट उतारकर चेकिंग के बाद ही प्रवेश मिला। मोबाइल फोन, घड़ी व किसी भी तरह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण परीक्षा केंद्र के बाहर रखवाए गए। इसके अलावा बैग व पानी की बोतल भी परीक्षा केंद्र में ले जाने की मनाही रही। परीक्षा केंद्रों के आसपास अभ्यर्थियों के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया गया।
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प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा परीक्षा (police constable recruitment exam) के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद की गई थी। पेपर लीक प्रकरण में 27 मार्च को ली गई लिखित परीक्षा रद्द होने के बाद इस बार सीसीटीवी और जैमर की कड़ी निगरानी में यह परीक्षा आयोजित की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कांस्टेबलों के 1,334 पदों के लिए 75 हज़ार से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। अभ्यर्थियों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एचआरटीसी प्रबंधन को उनकी बसों में अभ्यर्थियों का किराया नहीं लेने के आदेश दिए थे। हज़ारों अभ्यर्थियों ने इस सुविधा का लाभ लिया। पेपर लीक मामले में फंसे 116 आरोपी अभ्यर्थी परीक्षा में नहीं दे पाए। शिमला में 11 परीक्षा केंद्रों पर करीब 8 हजार अभ्यर्थियों ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा दी।
प्रदेश पुलिस ने गड़बड़ी रोकने के लिए रेंज के अनुसार पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई थी। इनमें पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, आईजी प्रशासन एवं कल्याण डीके यादव, डीआईजी इंटेलिजेंस संतोष पटियाल, पीटीसी डरोह के प्रिंसिपल विमल गुप्ता, आईजी साउथ रेंज पीडी प्रसाद, डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी मधु सूदन और डीआईजी नार्थ रेंज धर्मशाला सुमेधा द्विवेदी शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि कि बीते 27 मार्च को हिमाचल पुलिस भर्ती (police constable recruitment exam) की लिखित परीक्षा हुई थी और परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गया था। इस पूरे खुलासे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती प्रकिया की लिखित परीक्षा रद्द करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही मामले की जांच एसआईटी से करवाने के आदेश भी दिए गए। एसआईटी ने इस मामले में 91 लोगों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
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