शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र (HP Monsoon Session) के दूसरे दिन भी प्राकृतिक आपदा को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा जारी रही। इस दौरान जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक होती रही, वहीं सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र में हुए नुकसान की शिकायत भी की। सत्ता पक्ष ने जहां केंद्र से इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की, वहीं विपक्ष ने आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए और केंद्र द्वारा दी गई मदद का जिक्र किया।
चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि सरकार 26 से 28 सितंबर के बीच आपदा प्रभावितों के लिए आपदा राहत पैकेज लाएगी। अगर फंड में कटौती करनी पड़ी तो उसमें भी कटौती की जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर अध्ययन किया जा रहा है कि आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए किस मद से कितनी राशि काटी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि भाजपा को हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर आपत्ति है।
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