HP Assembly Winter Session: हिमाचल में बिना पंजीकरण के होमस्टे या अन्य पर्यटन इकाइयां चलाने वालों पर सरकार नकेल कसेगी। बिना रजिस्ट्रेशन के इन इकाइयों को चलाने वालों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने पर्यटन विकास एवं पंजीकरण अधिनियम में संशोधन कर जुर्माने का प्रावधान किया है। गुरुवार को विधानसभा में संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधेयक को पारित करने के लिए सदन में पेश किया था।
संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सरकार अब इस संबंध में नियम बनाएगी और कानून को अधिसूचित करेगी। इसके बाद राज्य में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत चल रहे होम स्टे या अन्य पर्यटन इकाइयों को 30 दिनों के भीतर पुन: पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने वाली संस्थाओं को अपने मौजूदा पंजीकरण लाइसेंस की समाप्ति तक शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद सरकार द्वारा निर्धारित पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा। पर्यटन इकाइयों को सभी पंजीकरण दस्तावेज और अन्य औपचारिकताएं 90 दिनों के भीतर पूरी करनी होंगी।
ये भी पढ़ें..HP: ग्वाले बनकर विधानसभा पहुंचे बीजेपी विधायक, पूछा, ‘कब पूरी होगी गारंटी’
2002 में बना था अधिनियम
सरकार ने वर्ष 2002 में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण अधिनियम बनाया था। 2002 के कानून में बिना पंजीकरण के चलने वाले होम स्टे संचालकों पर छह महीने की सजा के साथ-साथ 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान था। लेकिन, सरकार ने संशोधन विधेयक में छह महीने की सजा को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है, साथ ही जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का भी प्रावधान है। कानून में संशोधन के बाद होम स्टे को पर्यटन विकास निगम की स्थापना की सूची में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा संशोधन के बाद पंजीकृत होम स्टे लाइसेंस दो साल के लिए वैध माना जाएगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)