जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र से सवाल किया है कि देश का कर्ज 155 लाख करोड़ रुपये कैसे हो गई, जो 2014 में 55 लाख करोड़ रुपये थी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अजमेर यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी पर पलटवार कर रहे थे कि अगर कांग्रेस द्वारा घोषित गारंटियों को लागू किया गया तो देश दिवालिया हो जाएगा। गहलोत ने जोर देकर कहा, आज राजस्थान लोगों को मुफ्त की पेशकश किए बिना गुजरात जैसे राज्यों से बेहतर कर रहा है।
राज्य में कई महत्वाकांक्षी जमीनी योजनाएं शुरू की गई हैं। यदि आप देखना चाहते हैं कि मुफ्त की रेवड़ियां कैसे बांटी जाती है, तो कृपया मध्य प्रदेश का दौरा करें। दरअसल मुख्यमंत्री गहलोत गुरुवार को 378 करोड़ रुपये की सड़कों व अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, हमने राजस्थान में योजनाओं को धरातल पर लागू किया है और खुद को नई परियोजनाओं की घोषणा करने तक सीमित नहीं रखा है।
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हमारी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चुनावों के कारण नहीं हैं, बल्कि सोच-विचार कर निर्णय लिए जाते हैं। सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य सरकारें कर्ज पर निर्भर करती हैं और केंद्र भी ऐसा ही करता है। तभी विकास होता है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र अनुमति नहीं देता है तो कोई भी राज्य सरकार कर्ज नहीं ले सकती।
55 लाख से 155 लाख करोड़ पहुंचा देश का कर्ज
दरअसल, गहलोत ने बताया कि 2014 में जब मोदी सत्ता में आए थे, तब देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन पिछले 9 सालों में यह बढ़कर 155 लाख करोड़ रुपये हो गया है। दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब हमारे देश में रहते हैं। उस कर्ज का लाभ कम लोगों को मिल रहा है। बाकी लोगों की आमदनी घट रही है।
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