जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए भू धसाव के कारण जिलाधिकारी चमोली ने आपदा अधिनियम के तहत जन सुरक्षा को देखते हुए यहां के दो होटलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था लेकिन लोगों के भारी विरोध के कारण होटलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो सकी।
मंगलवार को सुबह एसडीएम की मौजूदगी में पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दोनों होटलों को गिराने के लिए मौके पर पहुंची। इन होटलों के बाहर लगे विद्युत लाइन को हटाया गया, लेकिन जैसे ही फोर्स ने होटल परिसर खाली करने को कहा तो वहां पर हंगामा खड़ा हो गया।
ये भी पढ़ें..सातवीं जीआईएस में मध्य प्रदेश की क्षमताओं से रू-ब-रू होंगे निवेशक
होटल स्वामी ठाकुर सिंह राणा का कहना था बिना किसी सेटलमेंट के होटल को किसी भी दशा में खाली नहीं कराया जाएगा। वे जान दे देंगे लेकिन होटल को ध्वस्त नहीं होने देंगे। होटल ध्वस्तीकरण के विरोध में नगर के लोग सुबह से ही एकत्रित हो गए थे और वहां पर जमकर विरोध किया। हंगामा होने के चलते पुलिस फोर्स को बैरंग लौटना पड़ा। गौरतलब है कि जोशीमठ के सैकड़ों मकानों के साथ यहां के दो प्रमुख होटलों ‘मलारी इन’ और ‘माउंट व्यू’ में भी ददारें आ गई हैं और ये दोनों जमीन में धंस गए हैं। ये दोनों वहां की प्रमुख मार्ग पर स्थित हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)