Home प्रदेश सातवीं जीआईएस में मध्य प्रदेश की क्षमताओं से रू-ब-रू होंगे निवेशक

सातवीं जीआईएस में मध्य प्रदेश की क्षमताओं से रू-ब-रू होंगे निवेशक

इंदौर: भारत का दिल मध्य प्रदेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के माध्यम से संभावित निवेशकों के लिए राज्य की क्षमताओं का विकास, निवेश के माहौल और बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने तथा अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए विकास का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 11-12 जनवरी को देश के सबसे स्वच्छ शहर एवं वाणिज्यिक राजधानी इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सातवीं समिट का वर्चुअल शुभारंभ कर संबोधित करेंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि उद्घाटन सत्र में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी एवं गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली भी शामिल होंगे और उनका संबोधन भी होगा। उद्घाटन सत्र को केन्द्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी संबोधित करेंगे। सत्र में केन्द्रीय वाणिज्यिक एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का वर्चुअल संबोधन होगा। समिट को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी संबोधित करेंगे। समिट का उद्घाटन सुबह 10:30 बजे ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में होगा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली, मुंबई, पुणे और बैंगलुरू में रोड-शो किए। उद्योगपतियों से नियमित रूप से वन-टू-वन चर्चा एवं प्रति सप्ताह उद्योगपतियों से भेंट भी की। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न देशों के संभावित निवेशकों के साथ भी बातचीत की। मुख्यमंत्री के इन्हीं प्रयासों से समिट प्रदेश के लिए गेम-चेंजर और मील का पत्थर साबित होगी।

“मध्यप्रदेश-भविष्य के लिए तैयार राज्य” थीम पर होने जा रही इस समिट में पर्यावरण-संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। यह पूरी तरह “कार्बन न्यूट्रल” और “जीरो वेस्ट” पर आधारित होगी। इन्वेस्टर समिट में देश और विदेश के निवेशकों को राज्य में लाने के लिए मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये अनुकूल वातावरण की तमाम परिस्थितियों का प्रदर्शन किया जायेगा। समिट का उद्देश्य राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग अनुकूल नीतियाँ बनाने के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ परामर्श कर प्रदेश में निवेशक फ्रेंडली वातावरण बनाना, सहयोग के अवसर और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना है।

वर्ष 2007 से ही मध्य प्रदेश की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट दुनिया भर के निवेशकों और व्यापार समुदाय के लिए बहुत बड़ा सुअवसर बना है। इस बार भी जीआईएस एक ऐसा मंच होगा, जहाँ वैश्विक नेता, उद्योगपति और विशेषज्ञ उभरते बाजारों पर अपने विचार साझा करने, निवेश क्षमता का दोहन करने और फ्यूचर रेडी, मध्य प्रदेश की सफलता की कहानी का हिस्सा बनने के लिए एक साथ आएंगे।

देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति करेंगे शिरकत

इंदौर में होने रही इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे। इसमें 20 से अधिक देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, वाणिज्य दूतावास और राजनयिक भाग लेंगे। जीआईएस के अंतरराष्ट्रीय मंडप में 9 भागीदार देश और 14 अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन करेंगे। समिट से राज्य के निर्यातकों को संभावित विदेशी खरीदार से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

जिन प्रमुख उद्योगपतियों ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में शामिल होने की सहमति दी है, उनमें कुमार मंगलम बिड़ला, नोएल टाटा, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया और अजय पीरामल सहित भारत के 500 से अधिक प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं। कार्यक्रम में फार्मा, आईटी, ऑटोमोबाइल, कपड़ा, वस्त्र, रसायन, सीमेंट, खाद्य प्र-संस्करण, रसद, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, सेवाओं आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी होगी।

क्रेता-विक्रेता बैठक और विक्रेता विकास कार्यक्रम

समिट के दौरान राज्य के एमएसएमई को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता मीट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से यूएसए, कनाडा, इंग्लैंड, जापान, इजराइल, नीदरलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के खरीदार शामिल हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, कृषि और आईटी सेवाओं के 1500 से अधिक निर्यातक सहभागिता करेंगे।

आकर्षण का केन्द्र होगी प्रदर्शनी

प्रदर्शनी में एक समर्पित मध्य प्रदेश पवेलियन होगा, जो औद्योगिक बुनियादी ढाँचे, मौजूदा और आगामी औद्योगिक पार्कों, प्रमुख निवेश परियोजनाओं को प्रदर्शित करेगा। राज्य के विभिन्न पहलुओं जैसे विरासत, संस्कृति, वन्य-जीवन आदि को भी कवर करेगा। प्रमुख कंपनियाँ फार्मा, आईटी, ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल्स, गारमेंट्स, केमिकल्स, सीमेंट, फूड प्रोसेसिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी।

औद्योगिक प्रदर्शनी: एक लाख वर्ग फुट में फैले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक उद्योगों द्वारा स्टॉल लगाए जाएंगे और प्रतिभागियों को सूचित करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) रोबोट भी होंगे। राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए एक “सांस्कृतिक क्षेत्र” भी बनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय एवं जनजातीय कला जैसे गोंड पेंटिंग, भील पेंटिंग, जरी-जरदोजी, जूट, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट, गुड़िया, बाँस कला, घंटी कारीगरों द्वारा धातु शिल्प और हथकरघा जैसे चंदेरी और महेश्वरी वस्त्रों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।

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