कोरोना संकट के बाद काबिल कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र

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चेन्नई: कोविड-19 प्रतिबंधों और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर लगी रोक के हटाये जाने से चेन्नई और इसके आसपास के होटल भले ही ग्राहकों की संख्या को लेकर आश्वस्त हो गये हैं, लेकिन इनके सामने अब सबसे बड़ी चुनौती काबिल कर्मचारियों की कमी है। ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद के साथ होटल और रेस्टोरेंट ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन उन्हें कई कारणों से अपने क्षेत्र के लिये काबिल कर्मचारी नहीं मिल पा रहे हैं।

लग्जरी बीच रिसॉर्ट शेरेटन ग्रैंड चेन्नई रिसॉर्ट एंड स्पा के महाप्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र अपने डाटाबेस को दोबारा खंगालकर पुराने कर्मचारियों को काम पर रखना चाह रहा है। ये वो कर्मचारी हैं, जिनकी नौकरी कोविड लॉकडाउन के कारण चली गयी थी।

कुमार ने बताया कि पुराने कर्मचारी कोरोना से पहले के वेतन पर काम पर वापस आने को तैयार नहीं हैं। पहले वे अलग वेतन लेते थे लेकिन अब उनकी मांग बदल गयी है। कई लोगों की विचारधारा ही बदल गयी है और वे वापस इस सेक्टर में आना ही नहीं चाहते हैं।

कंकर्स डेज होटल की सीनियर ऑपरेशन मैनेजर सुलेखा मृधा ने बताया कि अब कर्मचारियों की भर्ती मुश्किल हो गयी है क्योंकि काबिल लोगों की उपलब्धता बहुत ही कम है। कई लोग, जो पहले इस सेक्टर में थे, वे वापस ही नहीं आना चाहते हैं। इस सेक्टर में पूर्वोत्तर राज्यों के कई लोग थे, जो लॉकडाउन के दौरान वहां गये लेकिन वहां से वापस नहीं आये। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कोरोना के कारण जिन लोगों की नौकरी गयी, वे होटल सेक्टर छोड़कर अन्य सेक्टर से जुड़ गये और जो लोग इस सेक्टर में ही रहना चाहते थे, उन्हें किसी और जगह पर नौकरी मिल गयी।

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