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महिलाओं के लिए वरदान हैं होम्योपैथी: डॉ. दिक्षिता

लखनऊः होम्योपैथी सभी प्रकार के रोगों में पूरी तरह कारगर है। सटीक समय और सटीक इलाज के माध्यम से होम्योपैथ में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज मौजूद है। एलोपैथ की अपेक्षा होम्योपैथ शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है, क्योंकि इसकी सभी दवाएं प्रकृति पर आधारित होती है। जिससे किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
यह कहना है एसएस तोमर होम्यो हॉल निजामपुर, मल्हौर की होम्योपैथ चिकित्सिका व अमन हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर पद पर तैनात डॉ. दिक्षिता पांडेय का। इंडिया पब्लिक खबर के विशेष संवाददाता रघुनाथ कसौधन ने होम्योपैथी चिकित्सा के संबंध में उनसे विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके अंश:

  • होम्योपैथ किस तरह से एलोपैथ से अलग है ?

होम्योपैथी पूरी तरह प्रकृति पर आधारित है। हम पहले बीमारी नही इंसान को देखकर उस पर काम करते हैं। एलोपैथ सिर्फ बीमारी को पकड़कर काम करता है, जबकि होम्योपैथी में बीमारी से ज्यादा बीमार व्यक्ति पर काम किया जाता है। होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनिमैन खुद एलोपैथ डॉक्टर थे, लेकिन उन्होंने देखा कि एलोपैथी में बीमार व्यक्ति को बहुत अधिक परेशान होना पड़ता था। जिसके बाद उन्होंने होम्योपैथी की खोज की, जिससे लोगों को सिर्फ दवाईयों से ही आराम मिल सके। होम्योपैथी डीप, डिवाइन और स्प्रैचुअलस्टिक है। इसमें बीमारी को जड़ से खत्म करने पर काम किया जाता है।

डॉ. दिक्षिता
  • होम्योपैथ बीमारियों को जड़ से खत्म करता है। यह शरीर में किस तरह काम करता हैं ?

होम्यापैथी सबसे पहले शरीर की वाइटल एनर्जी को जगाती है, जिससे वह वाइटल ऑर्गन्स पर काम करने लगती है। सबसे पहले यह माइंड और सोल को रिलैक्स करती है। चूंकि होम्योपैथिक दवाईयां प्रकृति से ही बनी हुई हैं। होम्योपैथिक दवाईयां धीरे काम कर सकती है, लेकिन यह बीमारी को पूरी तरह खत्म कर देती है। जिससे कोई भी व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।

  • क्या बच्चों के रोगों में भी होम्योपैथी की दवाएं कारगर हैं ? क्या इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं ?

बच्चों के लिए होम्योपैथी की दवाईयां सबसे सुरक्षित हैं। बच्चों की इम्यूनिटी ज्यादा होती है। यदि सही दवा और सही पॉवर को सेलेक्शन किया जाए, तो यह बेहद कारगर है। तमाम बीमारियों में तो 24 घंटे के भीतर बच्चों को आराम मिलता है और कई बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती हैं। बच्चों के लिए ड्यूरेशन ऑफ डिजीज और ड्यूरेशन ऑफ मेडिसिन काफी मायने रखती है। अगर होम्योपैथी दवाओं के पॉवर का गलत चुनाव कर लिया जाता है तो इसके भी साइड इफेक्ट होते हैं।

  • वर्तमान में लोग एसिडिटी की समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं ? होम्योपैथी में इसका क्या इलाज है ?

यदि किसी व्यक्ति के शरीर में एसिडिटी है तो हम पहले उसकी दिनचर्या के बारे में जानते हैं। ज्यादा लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से हमारी शरीर में पाए जाने वाले एसिड की मात्रा ज्यादा हो जाती है। ज्यादा एसिड बनने से एसिडिटी की समस्या बढ़ती है। ऐसे में हम मरीजों को दिनचर्या ठीक करने पर ज्यादा काम करते हैं, जिससे एसिडिटी की समस्या आसानी से दूर हो जाती है।

  • युवाओं में माइग्रेन की समस्या आजकल ज्यादा उभर रही है। इसका सटीक इलाज क्या है ?

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल और उससे निकलने वाली किरणें माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण हैं, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है। यदि युवा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सम्यक दूरी बनाकर रखें तो वह माइग्रेन की समस्या से बच सकते हैं। इसकी कोई दवा नही है। यदि आपका ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से हो रहा है, दिमाग को आराम मिल रहा है तो यह दूर हो सकता है। उन कारणों पर जरूर काम करें, जिससे माइग्रेन की समस्या ज्यादा बढ़ती है। मेंटल लेवल पर ज्यादा लोड इसके बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। होम्योपैथी में हम इसके कारणों पर काम करके मरीज को आराम पहुंचाते हैं।

  • महिलाओं के रोगों में होम्योपैथी किस तरह कारगर है ?

महिलाओं के लिए तो होम्योपैथी एक वरदान की तरह हैं, क्योंकि इसकी दवाईयां महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा कारगर होती हैं। सही दवा और दवा के सही पॉवर का अगर सेलेक्शन किया जाए तो यह बेहद प्रभावी है।

  • क्या होम्योपैथी प्लेसिबो इफेक्ट पर काम करती है ?

प्लेसिबो इफेक्ट होम्योपैथी में सबसे प्रभावी दवा है, जिसे होम्योपैथ में सेकेंड बेस्ट रेमिडीज के नाम से जाना जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट होता ही नही है। इसे साइकोलॉजिकल मेडिसिन कहा जाता है क्योंकि इसमें मरीज को लगता है कि उसे दवा मिल रही है, लेकिन असल में वह कोई दवा होती ही नही है। प्लेसिबो इफेक्ट हर प्रकार के रोग में कारगर है।

  • क्या होम्योपैथी में पैथोलॉजिकल की तरह टेस्ट की जरूरत पड़ती है ?

होम्योपैथी में किसी तरह की जांच की जरूरत नही होती है, लेकिन हम पैथोलॉजिकल जांच के आधार पर मरीजों का इलाज करते हैं। सबसे पहले हम मरीज को उस जांच के लिए तैयार कर देते हैं और फिर रिपोर्ट के आधार पर ही उस पर काम करते हैं।

  • होम्योपैथी की दवाओं के साथ क्या कोई खास डाइट लेने की भी जरूरत पड़ती है ?

जी, बिल्कुल। होम्योपैथिक दवाओं के साथ डाइट लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अनियमित खान-पान या जीवनशैली दवाओं के प्रभाव को कम कर देते हैं। मरीजों को परहेज के लिए बताते हैं, जिससे कम समय में ही मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

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  • क्या गंभीर बीमारियों में भी होम्योपैथी में कारगर है ?

गंभीर बीमारियों का भी होम्योपैथी में इलाज उपलब्ध है, लेकिन जरूरत इस बात की होती है कि उसका इलाज सही समय पर शुरू कर दिया जाए। यदि कोई बीमारी बहुत पहले से है और आप उसकी एलोपैथिक दवा करा रहे हैं तो फिर होम्योपैथ को उसके लिए ज्यादा समय चाहिए होगा। एक उदाहरण के लिए आपको बता दें कि कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज भी होम्योपैथ में मौजूद है, लेकिन उसका सही समय पर इलाज शुरू हो सके।