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गृहमंत्री को नहीं मिली कोरोना वैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने की परमिशन, किया था ये ऐलान

भोपाल: मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा शुक्रवार सुबह कोवैक्सीन का ट्रायल लेने पीपुल्स अस्पताल पहुंचे। यहां आईसीएमआर की गाइडलाइन अनुसार मंत्री मिश्रा को वैक्सीनेशन के पूर्व काउंसलिंग की गई। हालांकि गृहमंत्री के परिवार में पत्नी और बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उन्हें कोवैक्सीन के ट्रायल की परमिशन नहीं दी गई है।

दरअसल, राजधानी के पीपुल्स हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने का ऐलान किया था। इसके लिए वे शुक्रवार को पीपुल्स हॉस्पिटल पहुंचे थे। काउंसिलिंग के दौरान गृहमंत्री से परिवार में पत्नी और बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिलने के पश्चात कोवैक्सीन के ट्रायल की परमिशन नहीं दी गई है। इसको लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान भी सामने आया है।

उन्होंने कहा कि बहुत इच्छा थी कि कोविड वैक्सीन के ट्रायल में वॉलंटियर बनूं और इसके माध्यम से समाज के लिए कुछ करूं। वैक्सीन ट्रायल के लिए आईसीएमआर के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ सका इसकी मन में बहुत पीड़ा है।

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उन्होंने बताया कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.अनिल दीक्षित ने बताया कि कोविड की गाइडलाइन अनुसार मुझे वॉलंटियर के रूप में वैक्सीन नहीं लगाया जा सकता। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक वॉलंटियर के किसी निकट परिजन को कोविड19 नहीं होना चाहिए। जबकि मेरी धर्मपत्नी, पुत्र पॉजिटिव हो चुके हैं। इस दौरान मंत्री मिश्रा ने वैक्सीन ट्रायल की गाइडलाइन सरल करने की बात कही है। गृहमंत्री मिश्रा ने कहा- वॉलिंटियर गाइडलाइन सुनेगा तो तैयार नहीं होगा, यदि हो सके तो गाइडलाइन सरल हो।