HMPV Virus: चीन में फैले वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की भारत में एंट्री के बाद लोग फिर से डरे हुए हैं। कोविड-19 की यादों को ताजा कर देने वाला यह वायरस खासतौर पर बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। इस संदर्भ में इंडिया पब्लिक खबर के संवाददाता ने केजीएमयू के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अमिता जैन से विशेष बातचीत की, जिसमें इस वायरस की गंभीरता, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी मिली।
HMPV वायरस क्या है
डॉ. अमिता जैन के मुताबिक, HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) एक श्वसन वायरस है, जो खांसी, बुखार, गले में खराश, और सांस की समस्याओं का कारण बन सकता है। यह वायरस ब्रोंकाइटिस, निमोनिय जैसे लक्षण भी उत्पन्न कर सकता है। उनका कहना है, एचएमपीवी के लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं, लेकिन यह वायरस बहुत नया नहीं है। भारत में यह वायरस 2004 से मौजूद है और इसके फैलने की दर सामान्य है। हालांकि, यह बच्चों और बुजुर्गों में गंभीर श्वसन लक्षण जैसे न्यूमोनिया कर सकता है।
HMPV का प्रसार कैसे होता है
डॉ अमिता ने बताया कि यह वायरस खांसने, छींकने या हाथ मिलाने आदि से फैलता है। इसके अलावा, दूषित सतहों को छूने, नजदीकी संपर्क में आने और मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है। डॉ. जैन ने कहा, इस वायरस का प्रसार किसी भी अन्य श्वसन संबंधी वायरस की तरह ही होता है। हमें सतर्क रहकर मास्क पहनने, हाथ धोने और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
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HMPV वायरस का खतरा और बचाव
सभी उम्र के लोग इस वायरस से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन 5 साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग, और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं। डॉ अमिता का मनाना है कि इस वायरस को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, एचएमपीवी वायरस भारत में पहले से मौजूद है और यह इतना खतरनाक नहीं है जितना कि सोशल मीडिया पर इसे लेकर बातें हो रही हैं।
ICMR ने भी साफ किया कि एचएमपीवी एक पुराना वायरस है और अब तक इसका कोई गंभीर रूप नहीं देखा गया है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे सामान्य एहतियात बरतें। इस वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है। हाइजीन, मास्क का इस्तेमाल और समय पर जांच जैसे कदम इससे बचाव के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
HMPV वायरस के खिलाफ तैयारियां
एचएमपीवी वायरस को लेकर सरकारें पहले से सतर्क हो गई हैं। दिल्ली सरकार ने वायरस के मामलों की निगरानी करना शुरू कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि खांसी-जुकाम से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराई जाए।
(रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान)