Hit And Run Law Protest , नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे ‘हिट एंड रन’ के नए कानून को लेकर देशभर में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। नए कानून के विरोध में यूपी, बिहार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के ड्राइवरों ने चक्काजाम करना शुरू कर दिया है। कुछ जगहों से ट्रैफिक जाम, अराजकता और पुलिस द्वारा हल्के बल प्रयोग की भी खबरें सामने आ रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिट एंड रन को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसका विरोध क्यों हो रहा है और ट्रक ड्राइवरों का यह विरोध कितना जायज है।
नये कानून के विरोध में ड्राइवरों का चक्काचाम
बता दें कि में ‘हिट एंड रन’ पर नये कानून को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) में अब कानून बन चुका है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे। इसमें ‘हिट एंड रन’ से बेहद सख्ती से निपटने का प्रावधान किया गया है। यह भारतीय न्यायिक संहिता का हिस्सा है।
इस कानून के तहत एक्सीडेंट होने पर यदि किसी की मौत हो जाती है तो वाहन चालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया गया है। जिसको लेकर वाहन चालकों में आक्रोश है। वहीं इस कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में ड्राइवर सड़कों पर उतर आए हैं।
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क्या है ‘हिट एंड रन’ ?
दरअसल एक्सीडेंट होने पर वाहन चालक मौके से फरार हो जाता है तो उन मामलों को ‘Hit And Run’ केस माना जाता है। हिट एंड रन के मामलों में कई बार घायल शख्स को यदि समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो प्राथमिक उपचार के बाद उसे बचाया जा सकता है। पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही उसे जमानत भी मिल जाती थी।
क्या कहता है हिट एंड रन का नया नियम ?
हिट एंड रन के नए नियम में कहा गया है कि अगर सड़क दुर्घटना के बाद वाहन चालक पुलिस को सूचना दिए बिना मौके से भाग जाता है, तो उसे 10 साल की जेल और 7 लाख जुर्माना देना होगा। इसी को लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर भी इसका विरोध कर रहे हैं। नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे। उनका कहना है कि नये कानून के प्रावधान काफी सख्त हैं। इन्हें नरम किया जाना चाहिए।
आखिर क्यों बनाया गया सख्त कानून?
दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती की वजह समझ में आ सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 50 हजार लोग हिट एंड रन केस में अपनी जान गंवा देते हैं।
विरोध कर रहे ड्राइवरों का तर्क है कि अगर वे टक्कर मारने के बाद भागेंगे तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगी और अगर रुकेंगे तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। अक्सर सड़क हादसे के बाद मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और ड्राइवर पर हमला कर देती है। कई बार तो ये हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक ही नहीं रुकती और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।
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