हिंगलाज मंदिर तोड़े जाने पर विश्व भर के हिंदुओं में भारी आक्रोश

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Hinglaj temple, नई दिल्लीः भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में लगातार एक के बाद एक हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने पीओके स्थित पौराणिक धर्मस्थल शारदा पीठ की जमीन पर वहाँ कॉफी हाउस बनाकर जबरन कब्जा कर लिया है। वहीं कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हिंगलाज माता मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया। पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में हिंगोल नदी के पास हिंगलाज क्षेत्र में स्थित हिंगलाज माता मंदिर हिंदू भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र और प्रमुख 51 शक्तिपीठों में से एक है।

यह देवी मां के शक्तिपीठों में से एक है। इसका उल्लेख हिंगलाज पुराण के साथ-साथ वामन और कई पुराणों में भी मिलता है। इतिहास में इस बात का जिक्र है कि यह मंदिर 2000 साल पहले भी यहां मौजूद था। यह मंदिर यूनेस्को की विरासत सूची में भी शामिल है। एक तरफ जहां पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, खाने के भी लाले पड़े हैं, देश के नागरिक पलायन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी कट्टरपंथी सोच से ग्रसित पाकिस्तान ऐतिहासिक इमारतों को धराशायी कर विश्व धरोहरों को समाप्त कर रहा है।

उजागर हुआ दोहरा चरित्र

भारत अपनी आत्मनिर्भरता व वसुधैव कुटुंबकम की नीति पर चलकर और जी20 की अध्यक्षता कर पूरी दुनिया को नई दिशा दिखा रहा है, तो वहीं पाकिस्तान अपने कृत्यों के चलते बदहाली के दौर से गुजर रहा है और फिर भी आतंकवादियों को संरक्षण देकर विश्व के प्रमुख देशों के निशाने पर आ रहा है। युनेस्को जैसे संगठन में उपाध्यक्ष पद पर चयनित होकर जहां एक तरफ उसे संरक्षित इमारतों के लिए कुछ करने का अवसर था ऐसे में उसने मंदिर को क्षति पहुंचाकर अपने दोहरे चरित्र को उजागर किया है।

मुगलों ने किया भारत की संस्कृति पर आक्रमण

भारत एक ऐसा देश है जो अपनी बेहतरीन संस्कृति, धार्मिक स्थलों और अनोखे इतिहास के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। देश में कई ऐसे ऐतिहासिक स्मारक हैं, जिनसे बेहद दिलचस्प इतिहास जुड़ा हुआ है। भारत में कई राजा आए और गए, लेकिन कुछ से जुड़ा इतिहास आज भी लोगों के बीच मौजूद है। मुगल शासन का इतिहास भी कुछ ऐसा ही है। मुगल शासकों ने लूटपाट के जरिए भारत में अपना साम्राज्य स्थापित किया था। कुछ शासकों पर मुस्लिम विचारधारा इतनी हावी थी कि उन्होंने जबरन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया।

हजारों सालों तक मुगलों ने भारत में मौजूद कई स्मारकों को नष्ट कर दिया था। इनमें अधिकांश हिंदू और बौद्ध मंदिर शामिल थे। अब ऐसा ही काम पाकिस्तान के कट्टरपंथी भी कर रहे हैं जहां हिंदू मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

1947 में पाकिस्तान में थे 428 बड़े मंदिर

ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वेक्षण के अनुसार, विभाजन के समय पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर थे। धीरे-धीरे उनकी संख्या कम होती गई। मंदिरों की ज़मीनों पर कब्ज़ा कर लिया गया और वहाँ दुकानें, रेस्तरां, होटल, कार्यालय, सरकारी स्कूल या मदरसे खोल दिए गए। आज स्थिति यह है कि यहां केवल 20 बड़े मंदिर ही बचे हैं।

2022 में भी मूर्तियां तोड़ी गईं

यह मरी माता मंदिर मुखी चोहितराम रोड पर स्थित है। इससे कुछ ही दूरी पर सोल्जर बाजार पुलिस चौकी भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर की जमीन एक शॉपिंग प्लाजा प्रमोटर को 7 करोड़ रुपये में बेची गई है। इसीलिए मंदिर को तोड़ा गया। जून 2022 में भी मरी माता मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ दी गई थीं।

रॉकेट लॉन्चर से तोड़ा गया मंदिर

सिंध के काशमोर में जुलाई 2023 में एक हिंदू मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था। इसमें हमलावरों ने मंदिर और आसपास बसे हिंदू समुदाय के घरों पर भी अंधाधुंध फायरिंग की थी। इससे पहले कराची में भी ऐसे ही 150 साल पुराने मंदिर को तोड़ दिया गया था।

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