शिमला (Himachal Pradesh): नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार अल्पमत में आ गई है। इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी के 15 विधायकों को निलंबित कर बजट पास कराया गया।
मंगलवार को एक बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी विधायकों का निष्कासन इस बात का सबूत है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस नोटिस देकर और विशेषाधिकार समिति के माध्यम से सात भाजपा विधायकों को निष्कासित करने का प्रस्ताव देकर सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। अपनी सरकार बचाने के लिए सुक्खू सरकार अब नई साजिश रच रही है।
‘विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन’
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार समझ गई है कि वह बहुमत खो चुकी है और उसके पास सत्ता में बने रहने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है, इसलिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर विधायकों को बाहर निकालने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह भारत के इतिहास में आज तक किसी भी विधानसभा में नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। लोकतंत्र में इस तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार की इस साजिश की कड़ी निंदा करती है।
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‘सरकार से खुश नहीं विधायक व पदाधिकारी’
बजट पारित होने के पांच दिन बाद राज्य की महिलाओं को 1500 रुपये सम्मान निधि देने की घोषणा से यह साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री खुद महसूस कर रहे हैं कि अब उनके पास सरकार चलाने के लिए बहुमत नहीं है। एक तरफ मुख्यमंत्री आर्थिक संकट की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ विधायकों को कैबिनेट का दर्जा दे रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक, कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मंत्री सरकार से खुश नहीं हैं। मंत्री मंत्रिपरिषद की बैठक छोड़कर रोते हुए बाहर आ रहे हैं। वर्तमान सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है क्योंकि उसके पास विधानसभा में बहुमत नहीं है।
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