शिमलाः हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस (Lumpy virus) से पशुओं की मौत हो रही है। राज्य में लंपी वायरस से एक हजार पशु संक्रमित पाए गए हैं। वहीं 58 पशुओं की इस वायरस से मौत हुई है। यह वायरस (Lumpy virus) राज्य के छह जिलों में फैल चुका है। पशुपालन व ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शनिवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। वह नियम 62 के तहत विधायक अनिरूद्ध सिंह द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
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वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सिरमौर, शिमला, सोलन, चंबा, उना और कांगड़ा जिला में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। जिन-जिन जिलों में इस बीमारी के मामले दर्ज किए गए हैं उन जिलों में इसे महामारी घोषित कर दिया गया है और अब इस महामारी से पीड़ित पशुपालकों को उनके पालतू पशुओं की मौत होने पर आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के तहत मुआवजा मिलेगा। दुधारू पशुओं के लिए यह मुआवजा 30 हजार रुपए होगा। हालांकि इसकेे लिए मृत पशु की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जरूरी है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार इस महामारी को गंभीरता से ले रही है और इस वायरस के मामले आने पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 अगस्त तक एक हजार पशु लंपी स्किन बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों मेें इस बीमारी से ग्रसित पशुओं के पांच किलोमीटर के दायरे में 11200 पशुओं का रोग-निरोधक टीकाकरण कर दिया गया है।
इससे पहले ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि इस बीमारी को लेकर प्रदेश में स्थिति बहुत गंभीर है। लोगों ने लाखों रुपए खर्च कर बेहतर नस्ल की गाय व भैंस खरीदी है जो इस बीमारी से मर रही हैं। इसके अलावा इस बीमारी का पता चलने के बाद लोग दुध का सेवन भी कम कर रहे हैं, जिससे पशुपालकों पर दोहरा संकट आ गया है।
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