शिमलाः हिमाचल प्रदेश सरकार ने खुफिया सूचना लीक मामले में एनआईए जांच की जद में आने के बाद गिरफ्तार और निलम्बित किए गए 2011 बैच के आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी को बहाल कर दिया। सरकार ने गुरुवार देरशाम उनकी सेवाएं बहाल करने के आदेश जारी किए। उन्हें पुलिस मुख्यालय में ज्वाइनिंग के निर्देश दिए गए हैं।
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नेगी के लिए यह बड़ी राहत है। वह प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के मूल निवासी हैं। पिछले साल छह नवंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यह मामला संदिग्ध गतिविधियों की साजिश और इसे अंजाम देने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय सदस्यों के नेटवर्क के प्रसार के आरोपों से जुड़ा है। तब नेगी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान एनआईए में तैनात थे।
खुफिया सूचना लीक मामले में आया नाम
खुफिया सूचना लीक मामले में विवाद के बाद उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस हिमाचल प्रदेश भेज दिया गया था। उन्हें एसडीआरएफ जुन्गा में कमांडेंट लगाया गया था। जहरीली शराब मामले की विशेष जांच टीम में भी नेगी शामिल रहे हैं। नेगी साल 2017 में वह हिमाचल प्रदेश के पहले ऐसे पुलिस अफसर बने, जिन्हें नामी एजेंसी में सराहनीय कार्य के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल मिला था।
टेरर फंडिंग से जुड़े कई मामलों का किया भंडाफोड़
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों की टेरर फंडिंग से जुड़े कई मामलों का भंडाफोड़ किया था। नेगी ने कश्मीर में पत्थरबाजों पर नकेल कसने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह साल 1998 में हिमाचल प्रदेश में डीएसपी के पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने शिमला में डीएसपी ट्रैफिक के तौर पर भी सेवाएं दी हैं। शिमला में ही तैनाती के दौरान अरविंद दिग्विजय नेगी ने इशिता तेजाब कांड को भी सुलझाया था।
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