चंडीगढ़ः महंगाई की मार झेल रही आम जनता को एक और बड़ा झटका लगाने वाला है। सूत्रों की माने बहुत जल्द बिजली की दरों बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बजट सत्र में बिजली परियोजनाओं पर सेस लगाने के लिए संसद में बिल पेश किया है। सरकार का कहना है कि इससे कर्ज में डूबे राज्य को सालाना 4,000 करोड़ रुपये की आय होगी। जल विद्युत परियोजनाओं पर सेस लगने के बाद ऐसा माना जा रहा है, दिल्ली-पंजाब समेत कई राज्यों में प्रति यूनिट एक रुपये तक का इजाफा हो सकता है।
800 करोड़ रुपये का सालाना पड़ेगा वित्तीय बोझ
सेस लगाने से भले ही हिमाचल पर इसका असर न पड़े, लेकिन राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे कुछ पड़ोसी राज्य प्रभावित होंगे। उधर, पंजाब सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अगर इस तरह का बिल लागू होता है तो तटीय राज्य होने के नाते पंजाब इसका विरोध करेगा।। नदी के पानी पर भी उसका अधिकार है। पंजाब का कहना है कि अगर सेस बढ़ता है तो उनकी बिजली कंपनियों पर 800 करोड़ रुपये का सालाना वित्तीय बोझ पड़ेगा क्योंकि बीबीएमबी की बिजली 1 रुपये प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार (17 मार्च) को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य विधानसभा में अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने और अगले एक वर्ष के दौरान सभी 12 जिलों को हेलीपोर्ट सुविधा से जोड़ने की भी घोषणा की गई।
राज्य की जीडीपी 7.6 से घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई
हालांकि, 2022-23 के दौरान राज्य की जीडीपी वृद्धि 2021-22 के दौरान 7.6 प्रतिशत से घटकर 6.4 प्रतिशत हो गई है। संशोधित वेतनमान के बकाया और 11,000 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते के भुगतान के कारण राज्य पर 75,000 करोड़ रुपये का भारी कर्ज और अन्य देनदारियां हैं। सदन ने 15 मार्च को 2022-23 के लिए 13,141 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित किया था।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)