अरियानकुप्पमः कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब दूसरे राज्यों में पहुंचने लगा है। पहले मध्य प्रदेश और अब पुडुचेरी में यह मामला पहुंच गया है। यहां के अरियानकुप्पम स्थित एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर स्कार्फ हटाने को कहा गया, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया। दरअसल कॉलेज प्रशासन ने स्कार्फ हटाने के बाद ही छात्रा को कक्षा में प्रवेश की अनुमति दी। मामला सामने आते ही स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्य मौके पर पहुंच गए और इसका जमकर विरोध किया। बताया जा रहा है कि यह मामला 7 फरवरी का है।
ये भी पढ़ें..भारी बारिश ने मचायी तबाही, भूस्खलन के चलते 14 लोगों की गयी जान
प्रदर्शनकारियों ने लगाया आरोप
उधर स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि छात्रा पिछले तीन साल से कक्षा में हिजाब पहन रही थी, लेकिन अब इसे लेकर क्यों किसी को परेशानी हो रही है। दरअसल छात्रा ने कहा था कि उसे शुक्रवार 4 फरवरी को कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं थी। जबकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि छात्रा स्कूल कैंपस में स्कार्फ पहनती थी लेकिन शुक्रवार को उसने क्लास के अंदर जाने के बाद स्कार्फ पहन लिया। घटना के बाद मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच की मांग की। स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल में हुई इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
विधायकों ने मुख्यमंत्री की कार्रवाई की मांग
उधर विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। विधायकों ने सीएम को यह भी बताया कि संविधान ने किसी भी धर्म को मानने की आजादी दी है और दूसरों की आस्था में दखल नहीं देने का आदेश दिया है। जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) भी हिजाब विवाद को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री के पास याचिका दायर कर रहा है। एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सीएस स्वामीनाथन ने कहा कि छात्र संगठन पुडुचेरी के शैक्षणिक जीवन में सांप्रदायिक तनाव को पनपने नहीं देगा।
वहीं इस मामले में कराईक्कल क्षेत्र के विधायक ने राज्य सरकार से मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनने से संबंधित मुद्दों को बढ़ने से रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी से मुलाकात की और उन्हें स्कूल के प्रधानाध्यापक के कार्यों से अवगत कराया, जिसमें अरियानकुप्पम में कक्षा 9 की एक मुस्लिम लड़की को कक्षा से हिजाब हटाने के लिए कहा गया था। विधायक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस मुद्दे को केंद्र शासित प्रदेश में वैसे नहीं बढ़ने दिया जाना चाहिए जैसे पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हो रहा है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहने होने के बाद कक्षा में प्रवेश रोक दिया गया। इसके बाद विरोध बढ़ता ही चला गया और मामला अब हाईकोर्ट में है। जबकि बागलकोट में पथराव की घटनाओं के बाद मंगलवार को विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। उधर, नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा है कि लड़कियों को हिजाब या पढ़ाई में से किसी एक का चयन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम महिलाओं को हासिए पर जाने से रोका जाना चाहिए।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)