रांचीः झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने बुधवार को गत वर्ष 10 जून को हुई रांची हिंसा मामले (Ranchi violence case) पर राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को भी कहा है कि वह अगर राज्य सरकार के जवाब पर प्रति उत्तर देना चाहते हैं तो भी दे सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 10 जून हिंसा मामले में कुछ केस को CID को क्यों सौंपा गया? केस की अगली सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित की है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, रांची एसएसपी, डीजी सीआईडी कोर्ट में उपस्थित हुए। अधिकारियों ने कोर्ट को जानकारी दी कि केस की जांच चल रही है, जिसके बाद अदालत ने इन सभी अधिकारियों की अगली सुनवाई में उपस्थिति से छूट प्रदान की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की।
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रांची हिंसा मामले (Ranchi violence case) में दायर पंकज यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है। अदालत से मामले की NIA जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक (2016) के अनुसार आरोपियों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है।
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