मथुरा: वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर हुए हादसे को लेकर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि भविष्य में इस प्रकार के हादसों पर रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार क्या योजना बना रही है।
बुधवार को यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अनंत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा कि धर्मस्थलों पर इस प्रकार के हादसे रोकने के लिए उसके पास क्या योजना है। कोर्ट का कहना था कि ऐसी समस्या देशभर के धार्मिक स्थलों में है, जहां भीड़ का प्रबंधन ठीक से नहीं किया जाता है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
याची का कहना है कि प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में भगदड़ हुई। ऐसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया था। भगदड़ में दो लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। याचिका में कहा गया है कि बांके बिहारी मंदिर वर्ष 1860 में बना था। उस समय आबादी बहुत कम थी। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ 1200 वर्ग फीट जगह उपलब्ध है। उस पर भी कई जगह अतिक्रमण है। वीआईपी गलियारा अलग से है। वर्तमान समय में लगभग पांच लाख लोग त्योहारों में वहां पहुंचते हैं। जगह कम होने के कारण वहां हादसों कि आशंका हमेशा बनी रहती है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।