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पंजाब : पूर्व डीजीपी सैनी को हाई कोर्ट ने दिए छोड़ने के आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को बड़ी राहत देते हुए उन्हें तुरंत छोड़ने के आदेश जारी किये हैं। सैनी को बीती रात्रि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें आज मोहाली की अदालत में पेश किया गया। पूर्व पुलिस मुखिया सैनी ने अपनी रात विजिलेंस थाना में गुजारी और उनसे देर रात तक पूछताछ की गई।

विजिलेंस द्वारा भूमि घोटाले मामले में पूर्व डीजीपी सैनी की गिरफ्तारी के उपरांत इस मामले में देवेंद्र सिंह संधू और एक सेवानिवृत अधिकारी शक्ति सागर भाटिया को भी गिरफ्तार किया गया। इससे पूर्व इस मामले में विजिलेंस द्वारा सैनी को अदालत को पेश करने से पूर्व मीडिया कर्मियों को अदालत परिसर से बाहर कर दिया गया। दूसरी ओर सैनी ने हाई कोर्ट में राहत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने उन्हें छोड़ने का आदेश दिया है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व डीजीपी पंजाब सुमेध सिंह सैनी को थाना विजिलेंस ब्यूरो, उड़नदस्ता -1, पंजाब में दर्ज मुकदमा दर्ज़ करके उन्हें गिरफ्तार किया था।

आज यह जानकारी देते हुए पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि कुराली, जि़ला एस.ए.एस. नगर में साल 2013 में वर्ल्ड वाइड इम्मीग्रेशन कंसलटेंसी सर्विसेज अस्टेट्स प्राइवेट लिम. एस.ए.एस. नगर के डायरेक्टर दविन्दर सिंह संधू की तरफ से स्थानीय निकाय पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर अशोक सिक्का, पीसीएस (रिटा.), सागर भाटिया, सीनियर टाऊन प्लैनर (रिटा.) और अन्य के साथ मिलीभुगत करके कृषि वाली ज़मीन और कुदरती चोअ में से अवैध तरीके से रिहायशी कालोनी दिखा कर, ग्रीन मीडोज़ -1 और ग्रीन मीडोज़ -2 नाम की रिहायशी कालोनियों के वास्तविक तथ्य छिपाकर, फर्जी और झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर धोखाधड़ी से पास करवा ली थी।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आए कि दविन्दर सिंह संधू लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी इंजीनियर निमरतदीप सिंह का पुराना जानकार था और निमरतदीप सिंह की उच्च अधिकारियों के साथ काफ़ी जान-पहचान थी। उसकी तरफ से उक्त कालोनियां सर्टीफाई करवाने के बदले दविन्दर सिंह संधू से तकरीबन 6 करोड़ रुपये रिश्वत मांग कर हासिल की गई थी।

उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में दोषी सुरिन्दरजीत सिंह जसपाल और निमरतदीप सिंह की तरफ से जांच के दौरान शुरुआत में यह जानकारी दी गई कि उक्त मकान की पहली मंजिल में तारीख़ 15 -10 -2018 से सुमेध सिंह सैनी, पूर्व डीजीपी पंजाब बतौर किरायेदार रह रहे हैं और इसके बदले वह 2.50 लाख रुपये प्रति महीना किराया अदा कर रहे हैं।

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लेकिन जांच के दौरान उक्त दोषी और सुमेध सिंह सैनी के दरमियान हुए वित्तीय लेन-देन सम्बन्धी विश्लेषण से सामने आया कि सुमेध सिंह सैनी की तरफ से अपने बैंक खाते में से अगस्त 2018 से अगस्त 2020 तक कुल 6 करोड़ 40 लाख रुपये सुरिन्दरजीत सिंह जसपाल और निमरतदीप सिंह के बैंक खातों में तबदील किये थे और यह रकम उक्त कथित किराएनामे के मुताबिक तबदील नहीं की गई थी।

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