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मैनपुरी में छात्रा की मौत मामले में डीजीपी के बयान से हाईकोर्ट असंतुष्ट, 24 घंटे प्रयागराज में रहने के दिये आदेश

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल, आईजी मोहित अग्रवाल तथा एसआईटी टीम के सदस्य पुलिस अधिकारियों को गुरुवार को न्यायालय में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति ए.के.ओझा की खंडपीठ ने मैनपुरी में छात्रा की मौत को लेकर कोर्ट में हाजिर डीजीपी से कुछ सवाल किया गया, परन्तु वह उसका सही जवाब नहीं दे सके। इस पर न्यायालय ने कहा कि लगता है कि डीजीपी ने इस केस की फाइल को नहीं पढ़ा है। कोर्ट ने कहा कि जरूरी है कि वह 24 घंटे प्रयागराज में रहें और घटना की सही जानकारी के साथ फिर कल हाजिर हों।

न्यायालय को अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने घटना का वीडियो भी दिखाया। पुलिस के अनुसार 16 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगा ली। किन्तु उसके गुप्तांग व कपड़ों पर स्पर्म पाये गये हैं। इसके बावजूद पुलिस टीम अपराधियों तक पहुंचने में विफल रही है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है।

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ज्ञात हो कि 24 अगस्त 21के आदेश के अनुपालन में केस डायरी के साथ एसआईटी टीम सदस्य हाईकोर्ट में हाजिर हुए। बताया 16 सितंबर 19 की घटना की एफआईआर 17 जुलाई, 21 को दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने कहा तीन माह बाद भी गंभीर आरोप के बावजूद अभियुक्तों से पूछताछ नहीं की गई। विवेचनाधिकारी ने देरी का कारण भी नहीं बताया। 16 साल की छात्रा स्कूल में फांसी पर लटकी मिली। मां ने परेशान करने व मारपीट कर फांसी पर लटकाने का गंभीर आरोप लगाया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी निशान के सिवाय शरीर पर चोट नहीं पाए गए हैं। पंचनामा की फोटोग्राफी नहीं है।

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