लखनऊः दुनिया में अजीबोगरीब चीजें सुनना या देखना आम बात है, जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है। आज हम आपके लिए एक ऐसी जानकारी लेकर आए हैं, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, आज हम एक ऐसे गांव के बारे में बात करेंगे जहां के लोग घरों में नहीं बल्कि घोंसलों (nests) पर रहते हैं। क्या आप भी हैरान हैं? लेकिन यह सच है। निःसंदेह घोंसले पक्षियों का घर होते हैं। लेकिन इस गांव में घोंसलों पर सिर्फ इंसान रहते हैं। आइये जानते हैं क्यों…
पूरी दुनिया में मशहूर है ये जीवन शैली
यह सच है कि लोग अपना घर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक आलीशान घर हो। उस घर में सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। लेकिन ईरान के कंदोवन गांव में लोग रहते तो हैं लेकिन घरों में नहीं बल्कि घोंसलों में। यहां के लोगों में घोंसले जैसे घरों में रहने की परंपरा काफी पुरानी है। इतना ही नहीं यह गांव अपनी परंपरा और अद्भुत जीवन शैली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
मधुमक्खियों का घोंसला
आपको बता दें कि कंदोवन गांव में लोग मिट्टी के घोंसले जैसे घर बनाकर पक्षियों की तरह रहते हैं। वैसे आपको बता दें कि कांडोवन नाम कांडो के बहुवचन पर रखा गया है जिसका मतलब होता है मधुमक्खियों का घोंसला। दिलचस्प बात तो यह है कि यहां लोग एक-दो साल से नहीं बल्कि पिछले 700 सालों से इन घोंसले जैसे घरों में रह रहे हैं। ये लोग कई पीढ़ियों से इन घरों में रह रहे हैं।
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कंदोवन के शुरुआती निवासी हमलावर मंगोलों से बचने के लिए यहां आए थे। दरअसल, मंगोलों का आतंक काफी समय तक रहा। यहां के पूर्वजों ने मंगोल हमलों से अपनी जान बचाने के लिए इस सुदूर इलाके में ऐसे घर बनाए थे। आक्रमणकारी मंगोलों से बचने के लिए इन लोगों के पूर्वजों ने ज्वालामुखीय चट्टानों को खोदा और इसे अपना स्थायी घर बना लिया।
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