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महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, 3500 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

मुंबईः महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सूबे की कई नदियां उफान पर हैं इसलिए इन नदियों के तट पर बसे 3500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के विविध जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रबंधन दल की (एसडीआरएफ) 11 टीमें तैनात की गई है। साथ ही बेस स्टेशन पर एनडीआरएफ की 9 और एसडीआरएफ की 4 ऐसे कुल 13 टीमें तैयार रखी गई है।

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बुधवार सुबह कोल्हापुर में पंचगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, इसलिए एनडीआरएफ की दो टीम मौके पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी जिलाधिकारियों को किसी भी कीमत पर जनहानि न होने का आदेश दिया है। उन्होंने नदी किनारे बसे लोगों तथा अन्य जगह बारिश के पानी से घिरे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थल पहुंचाने का आदेश दिया है।

सोमवार से शुरू मूसलाधार बारिश का असर मुंबई, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पड़ा है। बारिश की वजह से झरनों, नालों और नदियों में बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से कोंकण विभाग के रत्नागिरी, रायगढ़ तथा सिंधुदूर्ग जिले में सबसे अधिक असर पड़ा है। यहां जगह -जगह पहाड़ी धसकने से कई सडक़ें अवरुद्ध हो गई हैं। हालांकि कहीं भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। प्रशासन ने इन तीन जिलों में अबतक 3500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

बारिश

33 फीसदी फसल बर्बाद

अमरावती और वर्धा जिलों के आठ तालुकों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इससे नदियों और नालों में पानी भर गया है और कई जगह मकान गिर गए हैं। अमरावती जिले में कल साप्ताहिक के दौरान बाजार में आए 42 व्यापारी-विक्रेता तथा नागरिक बाढ़ के पानी में फंस गए थे, इन सभी को बचाव दल ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। विदर्भ विभाग में वर्धा जिले के सेलू, देवली और अरवी तालुकों में भारी बारिश दर्ज की गई। अरवी तहसील के देवरवाड़ा गांव के निचले इलाके के 110 घरों में बारिश का पानी घुस गया। भारी बारिश से 54 गांव प्रभावित हुए हैं और 996 हेक्टेयर में 33 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है।

इसी तरह गोंदिया जिले के गोंदिया, तिरोदा, सडक़ अर्जुनी, अर्जुनी मोरगांव तहसीलों में भारी बारिश हुई। खजरी-खोदशिवानी मार्ग पर बना पुल बह गया। बहमनी-दल्ली मार्ग पर बने पुल से पानी बहने के कारण यह मार्ग भी बंद हो गया था। भारी बारिश की वजह से चुलबंद नदी उफान पर है। तिरोड़ा शहर में कुछ बस्तियों के पानी से घिरे होने की खबर मिली है। साथ ही अकोला, बुलडाना और यवतमाल जिलों में भी कई जगहों पर बारिश हुई है।

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