पटनाः पश्चिम बंगाल में दारोगा अश्विनी कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की खबर सुन उनकी मां की भी सदमे से मौत हो गयी। पुलिस के मुताबिक किशनगंज पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) ने पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर जिले में गोलपोखर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पंजिपारा के पास पंतापारा गांव में शनिवार को एक पुलिस दल का नेतृत्व किया, जहां भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। जहां 50 वर्षीय अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई।
बेटे की मौत की खबर सुनते ही हार्ट पेशेंट उर्मिला देवी बेहोश हो गईं और सदमे में चली गईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। किशनगंज पुलिस थाने के एक अधिकारी के अनुसार दारोगा अश्विनी कुमार ने छापे से पहले अपने बंगाल के समकक्ष को सूचित किया था। छापेमारी करते समय 100 से अधिक लोगों ने उन पर हमला किया और एसएचओ पर क्रूरतापूर्वक तरीके से हमला किया। छापेमारी के लिए अश्विनी के साथ आए सात और पुलिसकर्मी हमले के बाद मौके से भाग गए। इस बीच मारे गए पुलिस के परिवारवालों ने घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया है। घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए किशनगंज के एसपी कुमार आशीष ने घटनास्थल से भागने के लिए सर्कल इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित सभी सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
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पूर्णिया रेंज के आईजी सुरेश चौधरी और पूर्णिया के पुलिस कमिश्नर राहुल महिपाल ने बताया कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सरकारी प्रक्रिया के अनुसार 1000000 लाख की राशि शहीद के परिजन को दी जाएगी। आईजी सुरेश चौधरी ने कहा कि पूर्णिया जोन के सभी पुलिस ने अपने 1 दिन का वेतन जो लगभग 50 लाख होता है देने का निर्णय किया है। बहरहाल एक साथ घर से दो अर्थी निकलने से पूरा गांव गमगीन है लेकिन कर्तव्य पालन के साथ शहादत पाने से गांव के लोगों को फक्र भी है।