वाराणसीः समाजवादी पार्टी के प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और एमआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य के खिलाफ दाखिल याचिका में अब 10 जनवरी को सुनवाई होगी। शनिवार को वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद शुक्ला के निधन पर बार द्वारा शोक प्रस्ताव पारित किये जाने के चलते एसीजेएम पंचम एमपी, एमएलए कोर्ट में सुनवाई नही हो पाई। दाखिल याचिका के जरिये अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कमीशन के कार्यवाही के दौरान शिवलिंग मिला है। शिवलिंग जहां मिला है, वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है।
प्रतिवादी पक्ष ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है। इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो, तो वही भगवान और शिवलिंग हैं। सांसद असदुद्दीन ओवैसी व उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं। इनके आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है। इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए।
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इस साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा सहित अन्य लोग भी शामिल हैं। इस मामले में न्यायालय ने चौक थाने की पुलिस से स्पष्ट आख्या तलब की है। चौक थाने की ओर से न्यायालय में स्पष्ट विवरण दाखिल किया गया है। जिसमें बताया गया है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद अससुद्दीन ओवैसी उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चौक थाने में कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं है।
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