Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन के लीज आवंटन मामले की टली सुनवाई

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रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में खान विभाग में मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खुद एवं अपने रिश्तेदारों को लीज आवंटन करने से संबंधित आरटीआई कार्यकर्ता एवं हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका की सुनवाई शुक्रवार को टल गई। पिछली सुनवाई में मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया था।

सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि सीएम हेमंत सोरेन को खनन पट्टा आवंटन मामले में एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील विशाल कुमार को सरकार के जवाब पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पिछली सुनवाई में कहा गया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खान विभाग के मंत्री के पद पर रहते हुए अपने संवैधानिक पद का दुरूपयोग करते हुए अपने लिए अंगड़ा में खनन पट्टा आवंटित किया था। इसके अलावा उन्होंने पत्नी कल्पना सोरेन और ननद सरला मुर्मू के खेत को भी खनन का पट्टा आवंटित किया है।

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दलबदल मामले की सुनवाई 7 जुलाई को

दलबदल मामले से जुड़े मामले की विस्तृत सुनवाई अब सात जुलाई को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में होगी। विधानसभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के बीमार होने के कारण आज सुनवाई स्थगित कर दी गयी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दो बिंदुओं पर सुनवाई के लिए सात जुलाई की तारीख तय की थी, जिसमें एक बिंदु में कहा गया है कि अगर कोई राजनीतिक दल नेता प्रतिपक्ष के लिए किसी का नाम देता है तो विधानसभा अध्यक्ष इसके आधार पर ही फैसला कर सकते हैं। केस पेंडिंग रख सकते हैं कि उनके खिलाफ दलबदल का केस चल रहा है। दूसरे बिंदु में, न्यायालय ने पूछा है कि क्या उच्च न्यायालय के पास स्पीकर को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का निर्देश देने की शक्ति है।

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