Friday, October 18, 2024
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- दूसरी डोज किसी अलग कंपनी की लग जाए तो चिंता की बात नहीं

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में कुछ लोगों को कोरोना टीके की दूसरी खुराक दूसरी कंपनी की लगाने का मामला सामने आया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि प्रोटोकॉल के हिसाब से पहली खुराक जिस कंपनी की लगी है, दूसरी खुराक भी उसी की लगनी चाहिए। लेकिन अगर दो कंपनियों के टीके मिक्स भी हो गए हैं, तो भी चिंता की बात नहीं हैं। लेकिन लोगों को सजग रहना चाहिए कि पहली खुराक जिस कंपनी की भी ली है दूसरी डोज भी उसी कंपनी की लें।

गुरुवार को उन्होंने बताया कि हालांकि विश्व में वैक्सीन मिक्स करके देने की भी बात चल रही है। कहा जा रहा है कि इससे प्रतिरोधक क्षमता में अधिक बढ़ोतरी होती है। जब इसके प्रमाण सामने आएंगे तब सभी को बताया जाएगा।

बता दें कि ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी दो वैक्सीन को मिलाने पर शोध कर रही है। अभी तक के शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर दो टीकों को मिक्‍स किया जाए तो कोई बड़ा खतरा नहीं है। हालांकि साइड इफेक्‍ट्स जरूर बढ़ सकते हैं। अभी इस बारे में कुछ साफ नहीं है कि वैक्‍सीन का कॉकटेल कोरोना के खिलाफ कितनी इम्‍युनिटी मिलती है।

यह भी पढ़ेंः-कोरोना का ग्राफ गिरते ही राजस्थान बोर्ड कराएगा 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं

‘द लैंसेट’ में छपी रिसर्च के मुताबिक, रिसर्चर्स ने पहले लोगों को अस्‍त्राजेनेका वैक्‍सीन (कोविशील्‍ड) की डोज दी और उसके चार हफ्ते बाद फाइजर की वैक्‍सीन की। नतीजा ये हुआ कि मिक्‍स्‍ड डोज लेने वालों में साइड इफेक्‍ट्स ज्‍यादा नजर आए, मगर परेशानी जल्‍द ही दूर हो गई। ठंड लगना, बुखार आना, सिरदर्द और थकान जैसे साइड इफेक्‍ट्स देखने को मिले। यह रिसर्च 50 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों पर की गई थी।

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