मेरठः यूपी के मेरठ में बिना पंजीकरण चल रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कस दिया है। अब सभी अस्पतालों को अपने नए पंजीकरण कराने और नवीनीकरण कराने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि मेरठ जनपद में 50 बेड और 50 बेड से अधिक के अस्पतालों को पंजीकरण कराना होगा।
ये भी पढ़ें..सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे PM मोदी
बिना पंजीकरण कराए और पंजीकरण नवीनीकरण कराए बिना अस्पतालों को नहीं चलने दिया जाएगा। इसके लिए सभी अस्पतालों को 30 अप्रैल तक सीएमओ कार्यालय में आवेदन करना होगा। नए क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत राज्य सरकार की वेबसाइट www-clinicalestablishment-gov-in. पर पंजीकरण कराना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद हार्ड कॉपी सीएमओ कार्यालय में जमा करानी होगी। सीएमओ ने बताया कि इससे पहले बिना पंजीकरण चल रहे कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही पैथोलॉजी लैब्स के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र के आउट पेशेन्ट केयर प्रोविजनल के लिए 100 रुपए, परमानेन्ट पंजीकरण के लिए 500 रुपए, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोविजनल पंजीकरण के लिए 50 रुपए, परमानेन्ट पंजीकरण के लिए 250 रुपए और मेट्रो शहरों में प्रोविजनल पंजीकरण के लिए 200 रुपए और स्थायी पंजीकरण के लिए एक हजार रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। 01 से 30 बेड के इन पेशेन्ट केयर के शहरी क्षेत्र के प्रोविजनल पंजीकरण हेतु 100 रुपए, परमानेन्ट पंजीकरण हेतु 500 रुपए, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोविजनल हेतु 50 रुपए, परमानेन्ट हेतु 250 रुपए तथा मेट्रो में प्रोविजनल हेतु 200 रुपए तथा परमानेन्ट पंजीकरण हेतु 01 हजार रुपए शुल्क है। इसी तरह से 30 से 100 बेड और 100 बेड से अधिक वाले अस्पतालों के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)