दिल्ली हिंसा में आरोपित और ताहिर हुसैन के सहयोगी लियाकत को मिली जमानत

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Tahir Hussain

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले के आरोपित और ताहिर हुसैन के सहयोगी को जमानत दे दिया है। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि आरोपित के खिलाफ कोई सीसीटीवी या वीडियो फुटेज या फोटोग्राफ नहीं हैं जिससे ये साबित हो सके कि आरोपित घटनास्थल पर मौजूद था।

आरोपित लियाकत अली ने जमानत याचिका दायर किया था। वो अप्रैल 2020 से हिरासत में है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 153ए, 505, 307, 120बी , 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 और 30 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था। आरोपित की ओर से वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपित के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। 

दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी एसवी राजू ने लियाकत अली की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उसे 7 मार्च,2020 को खजूरी खास थान में दर्ज एक एफफआईआर में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे खजूरी खास थाने में ही दर्ज दूसरे एफआईआर में 23 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया। राजू ने कहा कि गवाह प्रदीप वर्मा के बयान के आधार पर दर्ज इस मामले में लियाकत अली को 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपित के मोबाइल लोकेशन के मुताबिक वह घटनास्थल पर मौजूद था। उन्होंने कहा कि आरोपित ने दूसरे समुदाय के लोगों पर पत्थरबाजी की और दंगे को उकसाने का काम किया। राजू ने कहा कि आरोपित का बेटा रियासत अली भी उसके साथ अपराध में शामिल था। इस मामले के पीड़ित अजय गोस्वामी की एमएलसी रिपोर्ट के मुताबिक उसे लगे जख्म गंभीर थे।

कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है ऐसे में आरोपित को हिरासत में रखने से कुछ हासिल नहीं होनेवाला है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित 63 साल का बुजुर्ग है और उसके खिलाफ कोई इलेक्ट्रॉनिक सबूत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि गवाह प्रदीप वर्मा ने 28 मार्च 2020 को पहली गवाही दी और बाद में 23 अप्रैल 2020 को पूरक गवाही दी। गवाही में उसने कहा कि आरोपित पत्थरबाजी में भीड़ के साथ सक्रिय रूप से शामिल था। कोर्ट ने कहा कि यह स्वीरोक्ति है कि प्रदीप वर्मा ने इसकी सूचना 28 मार्च 2020 के पहले पुलिस को कॉल कर नहीं दी। कांस्टेबल सौदान और पवन के बयान 6 जून 2020 और 24 मार्च 2020 को दर्ज किए गए। पुलिसकर्मियों ने इसकी शिकायत थाने में रोजाना डायरी में इसकी एंट्री नहीं की। कोर्ट ने 25 हजार रुपये के मुचलके पर आरोपित को रिहा करने का आदेश दिया।